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________________ हृदय परिवर्तन : एक महान उपलब्धि बच्चे आज भी इतने छोटे हैं कि वे अभी घास नहीं खा सकते। वे केवल मेरे स्तनों का दूध पीकर ही जी रहे हैं । स्तनों के दूध के अभाव में वे बेचारे मर जाएंगे। अत: मेरे पर कृपा करो । दो स्तनों को छोड़कर, पूरे शरीर का मांस ले लो । ' कितनी मार्मिक उक्ति है ! वात्सल्य का उत्कृष्ट उदाहरण है । वात्सल्य के अभाव में ऐसी बात नहीं कही जा सकती। पशुओं में वात्सल्य है, करुणा है, पर उसका सामाजीकरण नहीं हुआ, सामाजिक विकास नहीं हुआ। मनुष्य की यह विशेषता है कि उसने करुणा का विकास किया है, करुणा की प्रतिष्ठा कर उसको महान् मूल्य दिया है। हृदय परिवर्तन की चर्चा के संदर्भ में हमने इस विषय के अनेक पहलुओं को छुआ है । हृदय परिवर्तन के घटक तत्त्व और फलित भी जान लिये हैं। इन सारे संदर्भों में कहा जा सकता है कि मनुष्य की सबसे बड़ी उपलब्धि है हृदय का परिवर्तन । Jain Education International २०५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003094
Book TitleKaise Soche
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2001
Total Pages274
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size12 MB
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