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________________ अतीत का अनावरण ८३ ही रह गए थे। सुखलालजी स्वामी और मुनि अमोलकचंदजी लाडनूं से छापर आए। उन्होंने आचार्यवर से प्रार्थना की-मुझे वहां भेजा जाए। आचार्यवर ने उसे स्वीकार कर लिया। साध्वीप्रमुखा झमकूजी को इसका पता चला। मेरे रजोहरण का प्रतिलेखन वे करती थीं। मध्याह्न के समय मैं उनके पास गया। उन्होंने कहा-आप लाडनूं जा रहे हैं? मैंने कहा-जा रहा हूं। वे बोलीं-फिर आपको गुरुदेव अपने पास नहीं रखेंगे, सदा के लिए अलग विहार करने वाले साधुओं के साथ भेज देंगे। मैं कुछ असमंजस में पड़ गया। मैं पूज्य गुरुदेव के पास पहुंचा, साध्वीप्रमुखा ने जो बात कहीं, वह बता दी। पूज्य गुरुदेव ने मृदु मुस्कान के साथ कहा-तुम तुलसी के पास लाडनूं चले जाओ। कोई चिन्ता मत करो। मैंने मुनि-द्वय के साथ लाडनूं के लिए विहार किया। बीच में हम लोग एक दिन सुजानगढ़ रुके। वहां नथमलजी स्वामी का आतिथ्य स्वीकार किया। दूसरे दिन लाडनूं पहुंचे। मुनिवर ने तथा अन्य सभी साधुओं ने हमारी अगवानी की। अलग रहने में मुझे जो कठिनाई अनुभव हो रही थी, उसका समाधान हो गया। अध्ययन फिर से चालू हो गया। मुनिवर को भी पूज्य कालूगणी से अलग रहने के कारण एक रिक्तता अनुभव हो रही थी। उसे यत्किंचित् मात्रा में भरने का श्रेय मुझे उपलब्ध हुआ, यह मैं मानता हूं। एक दिन की घटना है। सभी साधु गोचरी के लिए गये थे। मैं मुनिवर के पास बैठा था। उन्होंने मुझे अध्ययन के लिए प्रेरणा दी, जीवन-विकास के कुछ सूत्र बताए और फिर कहा-तुम भी मेरे जैसे बनोगे? मैंने कहा-मुझे क्या पता? आप बनायेंगे तो बन जाऊंगा। जीवन के आलोक-सूत्र मुझे दूसरे साधु बहुत भोला समझते थे। मैं भोला अवश्य था, पर वे जितना समझते थे उतना नहीं था। सरलता मुझे प्रिय थी। कपट, प्रपंच, छलना और प्रवंचना से मुझे बहुत घृणा थी। मैं सबके प्रति निश्छल व्यवहार करना पसंद करता था। मैं अपने प्रति, अपने हितों के प्रति सतत जागरूक था। मैंने अपने लिए कुछ सफलता के सूत्र निश्चित किए थे। मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा, जो मेरे विद्यागुरु को अप्रिय लगे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003064
Book TitleAtit ka Basant Vartaman ka Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1996
Total Pages242
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size9 MB
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