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________________ साधक बना डाला। क्या कोई २४ घण्टे बाद गुस्सा कर सकता है? कभी नहीं कर सकता। गुस्सा समाप्त हो जाता है। जब गुस्से की गर्मी जागती है तब उसे कर लिया जाए तब तो गुस्सा है। अन्यथा फिर गुस्सा नहीं होगा। गर्मी मिट जाएगी। भावों को बदलने का सशक्त माध्यम है शब्द। जब हम शब्द को व्यक्ति के भाव-तन्त्र तक पहुंचा देते हैं तब यथेष्ट काम बन जाता है। ठीक शब्दों का चुनाव करते हैं; ठीक शब्दों का प्रयोग करते हैं, ऐसे शब्दों और निर्देशों का चुनाव करते हैं कि वे भाव-तन्त्र तक पहुंच जाएं, उसे आन्दोलित कर दें, उसमें क्षोभ पैदा कर दें। उसे प्रकम्पित कर दें और मोह के स्पन्दनों को शान्त कर दें तो सचमुच भाव-परिवर्तन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है। दुनिया में जितने भी समझदार व्यक्ति हुए हैं उन्होंने शब्दों के चयन पर बहुत ध्यान दिया है। बोलने का विवेक और शब्दों का चयन बहुत ही महत्त्वपूर्ण बात है। आदमी किसी भी उपाय से नहीं बदलता। शब्दों का सही चयन करें, आदमी बदल जाएगा। एक व्यक्ति था। उसे दही बहुत रुचिकर था। वह दही को छोड़ना नहीं चाहता था। एक बार वह बीमार हो गया। खांसी ने उसे आ घेरा। वैद्य आते। दवा देते और दही खाने की मनाही करते। वह दवा नहीं लेता। सभी वैद्य निराश हो गए। एक दिन वैद्य आया जो शरीर की ही समस्या को नहीं जानता था, मन और भावों की समस्याओं से भी परिचित था। वह आया। बीमार ने कहा-'दवा दो, पर मैं दही खाना नहीं छोडूंगा।' वैद्य बोला- 'मैं तुमसे दही नहीं छुड़वाऊंगा। दही खूब खाओ।' यह सुनते ही बीमार व्यक्ति का मन कुतूहल से भर गया। उसने पूछा- 'वैद्यजी! सब दही को मनाही करते हैं, आपने दही खाने की छूट कैसे दी?' वैद्य बोला-'दही में अनेक गुण हैं।' बीमार आदमी दही के गुण की बात सुनकर प्रसन्न हुआ। वैद्य ने कहा-'दही के तीन गुण है। कफ की बीमारी या खांसी की बीमारी में जो कोई दही खाता है, उसको तीन लाभ होते हैं। पहला लाभ है कि वह कभी बूढ़ा नहीं होता। दूसरा लाभ है कि उसके घर में कभी चोरी नहीं होती। तीसरा लाभ है कि उसे कभी कुत्ता नहीं काटता।' रोगी ने कहा-'दही खाने २०६ आभामंडल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003062
Book TitleAbhamandal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size11 MB
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