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________________ ८८ अपना दर्पणः अपना बिम्ब लेता है और दो सैकेंड में छोड़ता है । इसका अर्थ है-चार सैकेंड में एक श्वास। एक मिनिट में पंद्रह श्वास । यह एक सामान्य विधि मानी जाती है। जब गुस्सा आएगा, श्वास की संख्या बढ जाएगी, एक मिनट में बीस, पच्चीस, तीस हो जाएगी । जितना तेज गुस्सा होता है उतनी ही संख्या बढ़ जाती है। कभी कभी पैंतीस-चालीस तक चली जाती है। श्वास की संख्या उस मात्रा में पहुंच जाती है, जहां हार्ट पर दबाव पड़ता है । हमारा सारा रक्त जहर हो जाता है, रासायनिक प्रक्रिया गड़बड़ा जाती है । गुस्सा बढा और श्वास की संख्या बढी । दोनों में संबंध है। गुस्से पर कंट्रोल करना है तो श्वास पर कंट्रोल करना होगा। नियंत्रण का अर्थ श्वास पर कंट्रोल करने का अर्थ है-आवेगों और संवेगों पर नियंत्रण। यदि हम श्वास लेना सीख जाएं, श्वास को लंबा करना सीख जाएं, एक मिनट में दो श्वास लेने का अभ्यास सध जाए तो आवेग-आवेशजनित समस्याओं से मुक्ति मिल जाए । कहां पंद्रह श्वास और कहां दो श्वास । इस स्थिति को उपलब्ध होने में समय लग सकता है । हम श्वास की संख्या को धीरे-धीरे घटाते चले जाएं । पहले एक मिनट में बारह श्वास लेने का अभ्यास करें। धीरे-धीरे दस, आठ, छह, चार और दो श्वास लेने तक का अभ्यास सध जाएगा । इस स्थिति में क्रोध नहीं सताएगा । क्रोध आएगा ही नहीं और आएगा तो उसका पता लग जाएगा । दीर्घ श्वास का प्रयोग शुरू करते ही वह डर कर भाग जाएगा । क्रोध भी डरता है । जितने आवेग हैं, वे सब डरते हैं। जब श्वास लंबा होने लगता है, कषाय पलायन कर जाते हैं । आश्चर्य की बात मनोवैज्ञानिकों ने संवेग और श्वास पर काफी अनुसंधान किए हैं। यह आश्चर्य की बात है-जिस हिन्दुस्तान में आसन-प्राणायाम, श्वास और संवेग-इन सब पर प्रचुर साहित्य लिखा गया, जैन, बौद्ध, नाथ संप्रदाय, हठयोग आदि में इन पर बहुत साधनाएं चली हैं, उसी देश में आज श्वास पर रिसर्च करने वाला एक भी केन्द्र नहीं है । कनाडा में केवल श्वास पर शोध के लिए एक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003053
Book TitleApna Darpan Apna Bimb
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages258
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Spiritual, & Discourse
File Size9 MB
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