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________________ थोकडा संग्रह | अवधि ज्ञान देखने का संस्थान आकार:- १ नेरियों का अवधि ज्ञान त्रापा ( त्रिपाई) के आकार २ भवन पति का पाला के आकार ३ तिर्येच का तथा मनुष्य का अनेक प्रकार का है ४ व्यन्तरे का पट वाजिन्त्र के प्रकार : ५ ज्योतिषी का झालर के आकर ६ बारह देवलोक का ऊ मृदंग आकार ७ नव ग्रीयवेक का फूलों की चंगेरी के आकार व पांच अनुत्तर विमान का अवधिज्ञान कंचुकी के आकार होता है । २७६) नारकी देव का अवधि ज्ञान - १ अनुगामिक २ अप्रतिपाति ३ अवस्थित एवं तीन प्रकार का । मनुष्य और तिर्यच का - १ अनुगामिक २ अनानुगामिक ३ वर्धमानक ४ हाय मानक ५ प्रतिपाति ६ प्रतिपाति ७ अवस्थित ८ अनवस्थित होता है ! यह विषय द्वार प्रमुख प्रज्ञापना सूत्र के ३३ वें पद से लिखा है । नंदि सूत्र में संक्षेप में लिखा हुवा है । मनः पर्यव ज्ञान का विस्तार मन पर्यव ज्ञान के चार भेद: १ लधि मन:- यह अनुत्तर वासी देवों को होता है । २ संज्ञा मन:- यह संज्ञी मनुष्य व संज्ञी तिर्यच को होता है । For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.002997
Book TitleJainagama Thoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhaganlal Shastri
PublisherJainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam
Publication Year1935
Total Pages756
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Philosophy
File Size23 MB
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