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________________ षडर्धनयनः श्रीमान् VI. 117.3a षडुनतो नवतनुः V. 35.200 षडेते युद्धकाङ्क्षिणः VI. 69.18d षड्जघान निशाचरान् VI. 44.19b षड्वाः खादिरास्तथा I. 14.22b षड्भागस्य च भोक्तासौ VII. 74.31a षड्भिर्नित्यबलोद्धतः VII. 14.1b षड्रसेष्वभिपूजितम् I. 5222b षडाननो भूत्वा I. 37.28c षष्टिपुत्रसहस्राणि I. 5.2c षष्टिगिरिसहस्राणि VI. 27.38c षष्टिर्दुहितरो राम III. 14.1OC षष्टिवर्षाणि I. 20 Ioc III. 50.20a परि गिरिसहस्राणि IV. 42.36c तु रघुनन्दन I. 39.21b पुत्रसहस्राणि I. 38.8c ,, T4a 39.12a 27 " 25 13 ,, 41.20e षष्टिः कोट्योऽभवंस्तासामू I. 4534a पुत्रसहस्राणि I. 38. 170 "" ,, Igc 40.12c " " 5: . " " 1) " "" , " " " " 40.19c " 23c » 44.3c शतसहस्राणि VI. 26 42a Jain Education International " " 1 37.22a षष्टी रथसहस्राणि II. 83.4a षष्ठस्तु पन्था हंसानाम् IV. 58.27a षष्ठं भजति भागं तु VII. 74.30c षष्ठेन च शिरः संख्ये III. 28.29c षष्ठेऽहनि तथागते I. 30.7b षाड्गुण्यं दैवमानुषम् II roo.6gb १२४ ११६१ षोडशाश्वशतानि च II. 70.21b षोडशाष्टौ च दश च VI. 67.7a स इति सवितृसूनुस्तत्र तत्कर्म कृत्वा VI. 40.30a इतोऽय प्रवत्स्यति II. 20.4d इदानीमहं वृद्धः IV. 65. 16a " 23 " " 13 इल: कर्दमात्मजः VII. 67.14d उवाच महाप्राज्ञः VI. 17. Ira 25 ,, ऋक्षरजसः पुत्रः III. 72.200 एको मृष्टमना II. 75.34c एवं बुवर्ती सीताम् II. 28.1a "3 ,, एव भगवान्प्रभुः I. 40.2d ,, एवमुक्तः कुपितः ससर्ज VI. 59.97a .. लवगाधिपस्तदा VI. 20.22a शक्रो मे III. 71.13C " एवमुक्तो हतदर्पदर्षः VI. 59.142a 33 ,, एवमुक्त्वा ज्वलनप्रकाशम् VI. 59.7a " " 66.34a 38 59 इदानीं समुत्थितः VI. 12. 11d इन्द्रजिन्नाम वरप्रधान: VI. 59.15d " 21 39 29 +3 ,, एव व्यसनं प्राप्य II. 106.50 संशयस्तात IV. 11. goa सुखसंस्पर्शः IV. 1.7a 31 एवायं रावण: V. 34.1od 32 25 " > ,, एष इन्द्र जिन्नाम VII. 12.29a कपिशार्दूलः V. 1.93a किल सैन्येन VI. 85. 13a जाम्बवान्नाम VI. 27.11a दुर्धरो राजन् VI. 27.30a निर्गतो वीरः VI. 61.30a नेता चैतेषाम् VI. 27.29c " "" دو "" 21 را " .. " त्रिदशेन्द्रशत्रुः VI. 73.8a द्विजपुंगवाम्यः VII. 58.25a परिणीयते V. 53.24b रक्षोगणराजमृत्युः VI. 59.12gc रथमास्थाय VI. 86.33c For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002795
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1966
Total Pages1190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size26 MB
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