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________________ राममार्तं तदा दृष्ट्वा VI. 102.3 राममार्य परंतपम् VI. 127.23d राममाश्रित्य निरताः II. 116.20 राममाश्वासने तु VI. 84.1a राममासाद्य मुदित: V1. 127.390 राममिच्छसि शोभने V. 24.5b राममिन्दीवरश्यामम् II. 2.53a IlI. 17.Sc 37 राममुक्तांस्तु बाणौघान् VI. 79.27a राममुक्त्वा कृताञ्जलिम् VI. 119.26b राममुत्थाय गच्छन्तम् II. 42.18c राममुद्दिश्य चिक्षेप III. 30. ISc राममेव ब्रुवाणं तु VI. 101.220 29 हि पश्यामि III. 39.17a राममेवं तु धर्मज्ञ II. 52. 12a राममेवाग्रतः स्थितम् III. 31.20b राममेवानुगच्छामि II. 82.16a राममेवानुचिन्तयन् II. 39.3d 42.24b " राममेवानुपश्यति V. 16.25d राममेवानुपश्यन्तः VI. 128.1000 राममेवानुशोचन्तम् II. 34.4c 23 33 58.2c राममेवान्वचिन्तयन् II. 41.18d राममेवाभितप्तानाम् II. 57.150 राममेवाभिदुद्राव II. 40.20c III. 27.20e VI. 67.1150 "" राममेवाभिदुद्रुवुः III. 20.16d राममेवाभिदुद्रुवे III. 26.26b राममेवाभ्यधावत I. 26.13d राममेवाभ्यधावन्त III. 25.32c 26.28c "" " Jain Education International " राममेवाभ्यभाषत I. 75. Iod राममेवाभ्यवर्तन्त VI. 44.170 ލވ ९५८ राममेवाभ्यवर्तन्त VI. 102.220 राममेवैकमिच्छामि VI. 67. 1100 राम राज्ञा महात्मना I. 54.2b रात्रिचरास्तदा VII. 5.16b रामन संतापम् VII. S. 12a महाबाहो VI. 105.3a " रामरामविवादं च I. 3. 12a रामरामेति दुःखार्ता V. 32.50 रामरावणजं भयम् VI. 110.3d रामरावणमुक्तानाम् VI. 100.50a रामरावणयोरर्थे VI. 55.16a रामरावणयोरिव VI. 107.52b रामरावणयोर्महान् VI. 100.61b रामरावणयोर्मृधे VI. 107.25d रामरावणयोर्युद्धम् VI. 107.500 " " " 52a " 66c रामरावणयोः शरा: VI. 100.60b रामरावणयोस्तदा VI. 107.1 राम रोषान्मयो यतः VI. 102.500 रामलक्ष्मणगुप्ता सा VI. 25.320 41.57a रामलक्ष्मणपार्श्वतः VI. 47.17d रामलक्ष्मणत्राणाय IV. 59.260 रामलक्ष्मणयोरर्थे I. 70.45a در در 29 "" ور For Private & Personal Use Only ار " " 71.24e VI. 48.33C रामलक्ष्मणयो राजन् I. 71.23a " " "" 72.3c रामलक्ष्मणयोरेव VI. 45.7a "" 33 33 92.31C रामलक्ष्मणयोवा VI. 46.20a रामलक्ष्मणयोर्नाम IV. 59.21a रामलक्ष्मणयोर्मध्ये V. 60. 12a रामलक्ष्मणयोर्वासम् IV. 50.15a www.jainelibrary.org
SR No.002795
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1966
Total Pages1190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size26 MB
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