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________________ आचश्व नो विशालाक्षि V. 42.7a आचक्ष्व मे महाबाहो VI. 58.3a " , , 7I.25a आचक्ष्व वदतां श्रेष्ठ VI. II2.24C आचव सुमहान्कोऽसौ VI. 61.7a आचख्युः सर्व एव तत् VII. I08.2d आचचक्षुरवज्ञाय VI. 02.Ic आचचक्षऽत्रलिं कृत्वा II. 39.13c आचचक्षेऽथ कुब्जाये II.7.I0c आच चक्षेऽथ दूषण: III. 22.12d आचचक्षेऽथ सद्भावम् II. 86.ra आचचक्ष ततः सर्वम् VI. I26.4c आचचक्षे तदा वीर: VI. 91.5c आचचक्षे तदा वीरी IV. 5.Ic आचचक्षे त्वहं तस्मै II. 64.12c आचचक्षे द्विजस्तरमै III. 14.5c आचचक्ष प्रियं पित्र VI. 46.45c आचचक्षे बलं तस्य III. 31.14c आचचक्षे महातेजाः VI. 71.26c आचचक्ष महात्मानम् IV. 4.5c आचचक्षे मुनेः सर्वम् IV. 61.Ic आचचक्षे स रामाय VI. 25.13c आचचक्षे विचक्षणा II. I0.2d आचम्य च यथाशास्त्रम् II. 52.79a आचरन्त्या न विहता II. 35.14c आचरेन्मद्वियो जन: II. IO I.I6d आचष्ट भरतः सर्वम् II. 72.7c आचार वति धार्मिके V. I0.10b आचारो रोदना नित्यम् VII. 62.30 आचार्य चावमन्य वै VII. 15.21c आचार्यश्चैव काकुत्स्थ II. 117.2c आचार्यरतत्तिरीयाणाम् II. 32.15c आचार्या ब्राह्मणा गावः II. 14.40a आचार्यो गुर वो वृद्धाः VI. 29.9a आचितां चित्रपत्तीभिः IV. 25.23a आचितैश्च नगैतः IV. 40.45b आच्छादितास्ते व सोभिः I. 14.27a आच्छिद्य पुत्रे निर्यात II. 57.22c आजगाम कुशध्वज: I. 70.8d आजगाम गदापाणिः VI. 49.31c आजगाम जनरथानम् III. 57.12a ., 58.18c आजगाम ततो ब्रह्मा I. 2.23a आजगाम ततो वाली IV. 46. I0a आजगाम द्रुतं देवः VII. 23.10c आजगाम नदी सौम्या II. 9I.31c आजगाम पुरंदरः III. 30.35b आजगाम पुराणवित् II. 15.18d आजगाम बलाबलम् VI. II2.8b आजगाम मधोः पुत्रम् VII. 67.16c आजगाम महातेजाः V. 57.13a , , VI. 95.38c 1, II3.500 आजगाम महानृषिः VII. 33.2d आजगाम महाबलः III. 35.29b , , IV. 47.7d आजगाम महायशा: VII. 90.16b आजगाम महावीर्यः IV. 39.210 , , , 39.23c आजगाम मुहूर्तेन VI. I7.Ic , , III.I06c , , VII. 75.6c आजगाम ततः पम्पाम् III. 75.IIa आजगाम ततः शीघ्रम् VI. 91.3a आजगाम यदृच्छया I. I0.Icb ,, , III. I7.5d आजगाम रिपुं हत्वा IV. 9.22a आजगाम विभीषण: VI. 123.22b आजगाम सरावण: VII. 34.28d आजगाम स वीर्यवान् I. I0.24b Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002794
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1961
Total Pages182
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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