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________________ धर्मशास्त्र का इतिहास भास्कर, अर्थ संग्रह के लेखक; शंकर भट्ट, मीमांसा बालप्रकाश के लेखक, काल १५५०-१६२० ई० ; आपदेव, अनन्तदेव के पुत्र, मांसा न्यायप्रकाश के प्रणेता, काल १६१०-१६८० ई० । ܪܪ खडवे : माट्टदीपिका एवं 'भाट्ट रहस्य' के साथ भाट्ट कौत्सुभ के लेखक, काल, १६०० - १६६५ ई० । भट्ट या विश्वेश्वर भट्ट : दिनकर भट्ट के पुत्र, भाट्टचितामणि के लेखक, १६२० - १६६० ई० । रामानुजावार्थ: तन्त्र रहस्य के लेखक, प्रभाकर सम्प्रदाय एवं नायकरत्न पार्थसारथि की न्यायरत्नमाला की टीका से सम्बन्धित, काल, लगभग, १५०० - १५७५ ई० । मीमांसकोश (संस्कृत में ) : पूर्वमीमांसा पर एक अत्यन्त विद्वत्तापूर्ण सर्वशास्त्रीय ग्रन्थ, जिसे स्वामी केवलानन्द सरस्वती ने लिखा है । इसे महाराष्ट्र प्रदेश के सतारा जिले में वाई नामक स्थान में प्रज्ञा पाठशाला मण्डल ने प्रकाशित कराया है। वे लोग जो पूर्वमीमांसा सूत्र पर आगे अनुसंधान कार्य करना चाहते हैं, उनकी सुविधा के लिए हम नीचे कुछ ग्रन्थों एवं निबन्धों की सूची दे रहे हैं । म० म० गंगानाथ झा ने शबरभाष्य ( ३० जिल्दों में, गायकवाड़ संस्कृत सीरीज ), तन्त्रवार्तिक एवं श्लोकवार्तिक (बिब्लियोथेका इण्डिका, कलकत्ता १६०० ) के अंग्रेजी अनुवाद किये हैं। तथा उनके कुछ निबन्ध मी हैं। कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ एवं निबन्ध निम्नोक्त हैं मैक्समूलर का ग्रन्थ 'सिक्स सिस्टम्स आव् इण्डियन फिलॉसॉफी, १८६६ ई० म० म० गंगानाथ झा कृत पूर्वमीमांसा का प्रभाकर सम्प्रदाय (अंग्रेजी में), १६११; ए० बी० कीथ कृत कर्ममीमांसा, १६२१; प्रो० दासगुप्त की इण्डियन फिलॉसॉफी (जिल्द १, पृ० ३६७ - ४०५ ) १६२२; प्रस्तुत लेखक का निबन्ध ( ए० बी० ओ० आर० आई० जिल्द ६, पृ० ७-४०, १६२५ ); प्रो० एम० हिरियन्ना का ग्रन्थ 'आउटलाइंस आव इण्डियन फिलॉसॉफी', १६३२; पं० वी० ए० रमास्वामी शास्त्री द्वारा वाचस्पति मिश्र के तत्त्वबिन्दु के संस्करण पर पूर्वमीमांसा शास्त्र सम्बन्धी लघु ऐतिहासिक निबन्ध, १६३६; डा० राधाकृष्णन् कृत 'इण्डियन फिलॉसॉफी १६४१ ; प्रो० सी० कुन्हनराजाकृ त ( श्लोकवार्तिक पर उम्बेक की टीका तात्पर्यटीका पर ) भूमिका, १६४० ; गंगानाथ झा कृत 'पूर्वमीमांसा इन इट्स सोर्सेज, १६४६), जिसमें डा० उमेश मिश्र ने एक समीक्षात्मक प्रथ-पुटी जोड़ दी है; डा० डी० बी० गर्गे कृत 'साइटेशंस इन शबरभाष्य', १६५२; पं० के० एस० रामस्वामी शास्त्री की रामानुजाचार्य के तन्त्र रहस्य पर भूमिका, १६५६; प्रो० जी० वी० देवस्थली का 'मीमांसा - दि वाक्य शास्त्र आव एश्एंट इण्डिया', १६५६ श्री नटराज ऐय्यर कृत मीमांसा जूरिसप्रूडेंस (झा रिसर्च इन्स्टीच्यूट, प्रयाग ) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002793
Book TitleDharmshastra ka Itihas Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPandurang V Kane
PublisherHindi Bhavan Lakhnou
Publication Year1973
Total Pages452
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size16 MB
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