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________________ लघु मन्दिर : संख्या 2 ( मन्दिर संख्या 12 के दक्षिण में मध्य का ( मण्डपविहीन) ।) : माप 5 फुट 10 इंच अधिष्ठान मन्दिराकार समतल मन्दिर की लम्बाई ( पू. - प. ) मन्दिर की चौड़ाई (उ. - द ) अधिष्ठान से छत की ऊँचाई 7 फुट 2 इंच 5 फुट 9 इंच विवरण यह उत्तरमुख मन्दिर भी अपने मूल रूप में स्थित है। इसका प्रवेश-द्वार साधारण है। पार्श्व की भित्तियों पर पाँच-पाँच और पीछे की भित्ति पर चार अलंकृत स्तम्भाकृतियाँ विद्यमान हैं । इसके गर्भगृह में तीन शिलापट्ट विद्यमान हैं, उनमें से एक पर कायोत्सर्गासन और शेष पर पद्मासन तीर्थंकर मूर्तियाँ अंकित हैं । लघु मन्दिर : संख्या 3 ( मन्दिर संख्या 12 के दक्षिण में पश्चिमी ओर स्थित मण्डप) : माप अधिष्ठान (मण्डपाकार) मण्डप की लम्बाई ( पू. - प. ) 8 फुट मण्डप की चौड़ाई (उ. -द.) 7 फुट 1 इंच अधिष्ठान से छत की ऊँचाई 11 फुट 1 इंच विवरण माप यह तीन ओर से खुला हुआ आधुनिक मण्डपाकार मन्दिर' है, जिसका निर्माण एक विशालाकार (7 फुट 3 इंच x 2 फुट 2 इंच) तीर्थंकर मूर्ति को छाया देने के लिए किया गया है। इस मूर्ति के बायीं ओर का चंवरधारी सम्भवतः काटकर ले जाया गया है 1 लघु मन्दिर : संख्या 4 ( मन्दिर संख्या 13 के सामने स्थित ) : अधिष्ठान-समतल 1. दे. चित्र संख्या 46 । 66 :: देवगढ़ की जैन कला एक सांस्कृतिक अध्ययन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002774
Book TitleDevgadh ki Jain Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size10 MB
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