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________________ [७४-७६ . १११४ जयोदय-महाकाव्यम् बलात् कलिलस्य पापभावस्यावनं संरक्षणं भवति, तस्मायघकर्मणे जलाञ्जलिर्वत इत्युत्प्रेक्षालङ्कृतिः ॥७३॥ समर्पितो वारिजरागभाजने जनेन सम्यग्घरिचन्दनद्रवः । जिनेशमादर्शमवेत्य सङ्गतः किलासकौ भास्वति चन्द्रमण्डलः ॥७४॥ ___ समर्पित इत्यादि-तत्र जनेन तेन भगवत्पूजा वसरे वारिज रागस्य पपरागस्य मणेर्भाजने समर्पितो यो सम्यक् समीचीनो हरिचन्दनस्य द्रवोऽसको जिनेशं प्रभुमादर्श मादरणीय मवेत्य भास्वति सूर्यविम्बे चन्द्रमण्डलः सङ्गतः किलेत्युत्प्रेक्षा ॥७॥ समर्पणां प्राप्य मनस्विना परां सदक्षताः श्रीशपवाग्रतो घराम् । विभूषयन्तोऽनुभवन्ति ते तरां शुभस्य च स्माकुरता महत्तराम्॥७५॥ समर्पणामित्यादि-मनस्विना जयेन पर निःस्वार्थरूपां समर्पणां प्राप्य सदक्षता: श्रीशस्य पदाग्रतो धरां भुवं विभूषयन्तस्ते शुभस्य पुण्यकर्मणो महत्तरामकुरतामनुभवन्ति स्म ॥७५॥ समर्पितं तेन सुमं सुमञ्जुलं जिनेशपादाम्बुजयोरभात्तराम् । मनस्तदीयं परिचेतुमागतं किलात्मसज्जातिकयोः प्रसन्नयोः॥७६॥ समर्पितमित्यादि-तेन जयेन जिनेशस्य पादाम्बुजयोश्चरणाब्जयोः प्रसन्नयोरगे कर्मसे कलिल-अवन-पापका संरक्षण होता था, उस पापकर्मके लिये जलाञ्जलि दी थी॥७३॥ अर्थ-जयकुमारने पद्मरागमणिके वर्तनमें जो उत्तम हरिचन्दनका द्रव चढ़ाया था, वह ऐसा जान पड़ता था मानों जिनेन्द्रको आदर्श-आदरणीय जान कर सूर्यबिम्बमें चन्द्रमण्डल आ मिला हो। भावार्थ-जो कभी मिलते नहीं, ऐसे परस्पर विरोधी सूर्य और चन्द्रमा भी भगवान्को आदर्श मानकर परस्पर मिल गये थे ॥७॥ अर्थ-मनस्वी-बुद्धिमान् जयकुमारके द्वारा निःस्वार्थ समर्पणाको पाकर अर्थात् चढ़ाये हुए उत्तम अक्षत श्री जिनेन्द्रदेवके चरणोंके आगेकी भूमिको अलंकृत करते हुए पुण्यकर्म की बहुत भारी अङ्कुरताका अनुभव कर रहे थे। भावार्थ-भगवान्के चरणाग्रमें चढ़ाये गये सफेद सफेद चावल ऐसे जान पड़ते थे मानों पुण्य कर्मके बड़े बड़े अंकुर ही हों ।।७५॥ हिन्दी-जयकुमारके द्वारा जिनेन्द्रदेवके चरण-कमलोंमें चढ़ाया गया अत्यन्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002757
Book TitleJayodaya Mahakavya Uttararnsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhuramal Shastri
PublisherDigambar Jain Samiti evam Sakal Digambar Jain Samaj
Publication Year1994
Total Pages690
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size15 MB
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