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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ 67 233. राजेन्द्री देवी हीरसौभाग्यम् : एक अध्ययन मेरठ, 1991, अप्रकाशित नि०- डा० रामकिशोर शर्मा, मेरठ 234. रावत, हेमन्त (लघु प्रबन्ध) वीरोदय महाकाव्य की सूक्तियों का समीक्षण इन्दौर, 2002, अप्रकाशित नि०- डा० संगीता मेहता, इन्दौर 235. रेखारानी जयोदय महाकाव्य का दार्शनिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन बरेली, 1999, अप्रकाशित नि०- डा० रमेश चंद जैन, बिजनौर 236. Laxmi Narayan A Critical Study of Chandraprabhacharita of Virnandi Kurukshetra, 1982, Unpublished. 237. लोखाण्डे, कुलभूषण जैन स्तोत्र साहित्य का आलोचनात्मक अध्ययन विक्रम, 1969, प्रकाशित नि०- डा० हरीन्द्र भूषण जैन 29 रत्नत्रय, विद्यानगर, दिव्यध्वनि प्रकाशन, उत्तर सदर बाजार, सोलापुर-413003 (महाराष्ट्र) प्रका०- दिव्यध्वनि प्रकाशन, सोलापुर-413003 प्रथम : 1997/250.00/225 अ०- (1) जैन स्तोत्र का स्वरूप, उद्देश्य एवं क्षेत्र, (2) जैन स्तोत्र साहित्य का उद्गम और विकास, (3) जैन स्तोत्र साहित्य में विविधता (4) जैन स्तोत्र की आराध्य देव-देवियां (5) जैन स्तोत्र के रचयिता, (6) जैन स्तोत्र साहित्य में भक्ति, ज्ञान एवं चारित्र्य निरूपण, (7) जैन स्तोत्र का साहित्यिक मूल्यांकन, (8) जैन स्तोत्र साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन, (७) उपसंहार। 238. वर्मा, आदित्य (लघु प्रबन्ध) आचार्य विद्यासागर जी के संस्कृत शतकों का साहित्यिक अनुशीलन । इन्दौर, 2001, अप्रकाशित नि०- डा० संगीता मेहता, इन्दौर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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