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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ ___99 448. साध्वी, सुशील कुंवर जी चौथमल जी म० सा० और उनका हिन्दी साहित्य मुम्बई, ........... 449. सिंघई, प्रभा _(लघु प्रबन्ध) आचार्य ज्ञानसागर की हिन्दी साहित्यिक कृतियों का अनुशीलन सागर, 1998, अप्रकाशित नि०- डा० बहादुर सिंह परमार, हिन्दी विभाग, शासकीय स्वशासी महाराजा कालेज, छतरपुर (म०प्र०) C/o श्री प्रकाश सिंघई, श्यामादेवी मार्केट, बड़ागांव धसान, जिला-टीकमगढ़ (म०प्र०) 450. सिंघवी, आशा हिन्दी में जैन काव्य : समीक्षात्मक अध्ययन प्रचार सभा, 1982, अप्रकाशित नि0- डा० रवीन्द्र कुमार जैन 451. सिंघवी, प्रीतम हिन्दी जैन साहित्य में कृष्ण का स्वरूप गुजरात, .............. प्रकाशित नि०- डा० दलसुख मालवणिया 452. सिंह, गदाधर मध्यकालीन हिन्दी जैन साहित्य का अध्ययन (सं० 1600 से 1800) मगध, 1971, अप्रकाशित नि०-- डा० नेमिचन्द्र शास्त्री प्रोफेसर, ह० दा० जैन कॉलेज, आरा (बिहार) 453. सिंह, बृजेन्द्र जैन कवि द्यानतराय का भक्तिकाव्य राजस्थान, 1985, अप्रकाशित नि०- डा० गंगाराम गर्ग, भरतपुर 454. सिंह, विजेन्द्र जैन कवि नत्रे का भक्तिकाव्य राजस्थान, 1988, अप्रकाशित नि०- डा० गंगाराम गर्ग, भरतपुर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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