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________________ 92 Bibliography of Prakrit and Jaina Research नि०- डा० इन्दुमती सिंह, हिन्दी विभाग, बी० एच० यू०, वाराणसी प्रका०- पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी एवं श्री दिगम्बर जैन सिद्धकूट चैत्यालय ट्रस्ट, अजमेर (राज०) प्रथम : 2002/300.00/308 अ०- (1). महामनीषी पं० सदासुखदास : व्यक्तित्व एवं जीवन वृत्त (2) पं० सदासुखदास के पूर्ववर्ती एवं समकालीन जैन गद्यकार (3) पं० सदासुखदास जी की गद्यविद्या एवं हिन्दी भाषा और साहित्य को उनका अवदान (4) पं० सदासुखदास के साहित्य की भाषा एवं शैली (5) उपसंहार । 405. जैन, मंजुकला (श्रीमती) भारतीय जीवन मूल्यों के सन्दर्भ में वीरेन्द्र कुमार जैन के साहित्य का अनुशीलन । विक्रम, 1991, अप्रकाशित नि०- डा० एस० एल० जायसवाल 406. जैन, लालचन्द जैन कवियों के ब्रजभाषा प्रबन्ध काव्यों का अध्ययन राजस्थान, 1968, प्रकाशित नि०-- डा० सरनाम सिंह शर्मा 'अरुण' प्रवक्ता- हिन्दी विभाग, वनस्थली विद्यापीठ, वनस्थली (राजस्थान) प्रका० -भारती पुस्तक मंदिर, हॉस्पीटल रोड़, भरतपुर (राज०) प्रथम : 1976/90.00/410 अ० - (1) युग मीमांसा, (2) परिचय और वर्गीकरण, (3) प्रबन्धत्व और कथानक स्रोत, (4) चरित्र योजना, (5) रस योजना, (6) भाषा शैली, (7) नैतिक, धार्मिक एवं दार्शनिक परिपार्श्व, (8) लक्ष्य संधान । 407. जैन, विद्यावती (श्रीमती) डा० __ (डी० लिट्०) सन्तकवि देवीदास और उनके अप्रकाशित हिन्दी साहित्य का समीक्षात्मक अध्ययन बिहार, 1993, प्रकाशित नि०- डा० लाल चंद जैन 'देवीदास विलास' नाम से प्रकाशित प्रका०- श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, वाराणसी प्रथम : 1994/200.00/362 अ०- (1) युगीन परिस्थितियाँ, (2) ग्रन्थकार : व्यक्तित्व, (3) समकालीन राजा, (4) बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी कवि- देवीदास, (5) काव्य प्रतिभा, व्यक्तिगत जीवन, (6) कृतित्व-(उपलब्ध रचनायें), (7) काव्य वैभव, (8) भौगोलिक सन्दर्भ, (9) राजनैतिक सन्दर्भ, (10) देवीदास की रचनाओं का जैन एवं जैनेतर भक्त कवियों के साथ तुलनात्मक अध्ययन। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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