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________________ प्रकाशकीय 'प्राकृत पाण्डुलिपि चयनिका' विद्यार्थियों के हाथों में समर्पित करते हुए हर्ष का अनुभव हो रहा है। यह कहना निर्विवाद है कि भारत की संस्कृति व उसका साहित्य मौखिक परम्परा से रक्षित होता हुआ पाण्डुलिपियों के माध्यम से सुरक्षित रहा है। छापेखाने के विकास के पूर्व स्वाध्याय व ज्ञान-प्रसार का आधार पाण्डुलिपियाँ ही थीं। एक ही पाण्डुलिपि की कई प्रतिलिपियाँ करवाकर विद्वानों एवं स्वाध्यायियों को अध्ययनार्थ उपलब्ध कराई जाती थीं। इस तरह एक ही पाण्डुलिपि की प्रतियाँ विभिन्न स्थानों पर प्राप्त हो जाती हैं। विभिन्न पाण्डुलिपि संग्रहालय इसी प्रवृत्ति के परिणाम है। नागौर, जैसलमेर, पाटण, जयपुर आदि अनेक स्थानों के पाण्डुलिपि संग्रहालय भारत की सांस्कृतिक निधियाँ हैं। हमें गौरव है कि हमारे पूर्वजों ने इन संग्रहालयों की सुरक्षा करके संस्कृति के संरक्षण में जो योगदान दिया है वह अपूर्व है और भावी पीढ़ी के लिए एक उदाहरण है। इन संग्रहालयों में संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, राजस्थानी, हिन्दी आदि विभिन्न भाषाओं में लिखित विभिन्न विषयों की पाण्डुलिपियाँ संगृहीत हैं। ___ यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि पाण्डुलिपियाँ एक विशेष पद्धति से लिखि जाती हैं। उनमें शब्द मिले हुए होते हैं। मात्राएँ विशेष प्रकार से लगाई जाती हैं। कोई पैराग्राफ नहीं बनाया जाता है। कोई-कोई अक्षर विशेष प्रकार से लिखे जाते हैं। उद्देश्य यह होता है कि कम से कम स्थान में अधिक से अधिक विषय सामग्री प्रस्तुत की जा सके। छापेखानों के विकास के बाद मुद्रित पुस्तकों की पद्धति बदली। शब्द अलग-अलग किए गए। मात्राएँ उचित स्थान पर लगाई गई और अक्षरों का आकार नियत कर दिया गया। अतः मुद्रित पुस्तकें आसानी से पढ़ी जाने लगीं, किन्तु धीरे-धीरे पाण्डुलिपि को पढ़ने वाले नगण्य होते गए। आज हम प्राकृत भाषा को भूल गए और जब भाषा ही भूली जाए तो उस भाषा की पाण्डुलिपि को समझना तो असम्भव ही है। इस भाषा को पुनर्जीवित करना राष्ट्रीय धर्म है और सामाजिक-सास्कृतिक आवश्यकता है। Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.002730
Book TitlePrakrit Pandulipi Chayanika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2006
Total Pages96
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size5 MB
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