SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 8
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सम्पादकीय " तच्चवियारो" आचार्य वसुनन्दिविरचित का भाषानुवाद करते समय प्रस्तावना से यह ज्ञात हुआ, कि डॉ. गोकुलचंद जैन द्वारा आचार्य श्रुत मुनि विरचित परमागम-सार का संपादन भी किया गया है। जिसका भी अद्यावधिपर्यंत हिन्दी-अनुवाद नहीं हुआ है।" सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से मूल प्रति प्राप्त कर, हम दोनों ने 1998 में इस ग्रंथ का अनुवाद करना प्रारम्भ कर दिया था बीच में ध्यानोपदेश कोष, भाव त्रिभङ्गी आदि के अनुवाद और सम्पादन में व्यस्तता होने के कारण यह कार्य रुक गया। इस बार वर्षाकाल 2000 में इस कार्य को पूर्ण करने का विचार किया । फलस्वरूप कार्य प्रारम्भ किया आवश्यकता पड़ने पर आदरणीय डॉ.प. पन्नालाल जी साहित्याचार्य जी से सहयोग भी लिया। प.जी सहाब ने एक दो स्थलो पर पाठ संशोधन भी किया है । मूल पाठ टिप्पण मे दिये गये है ।" यह ग्रन्थ प्रथम बार ही अनुवाद सहित प्रकाशित हो रहा है। ग्रन्थ में प्रतिपाद्य विषय कृतिकार ने ग्रन्थ में प्रतिज्ञारूप वचन में यह बतलाया है कि पंचास्तिकाय, षड्द्रव्य , सप्त तत्त्व , नव पदार्थ, बंध स्वरुप, बंध कारण स्वरूप, मोक्ष स्वरूप और मोक्ष कारण स्वरूप इन आठ प्रकार के अधिकारों में जिनवचन विस्तार से निरूपित किये गये है किन्तु मैं उन्हीं अधिकारों का संक्षेप में विवेचन करूंगा (गाथा - 9-10) इस प्रकार इस ग्रंथ में मुख्यता से नव पदार्थों का विवेचन किया गया है। ग्रन्थ में विशेषताएँ पंचास्तिकाय, छह द्रव्य , सप्त तत्त्व, नव पदार्थ, बंध स्वरूप, बंध कारणस्वरूप, मोक्ष स्वरूप और मोक्ष कारण स्वरूपइसप्रकार आठ अधिकारों में कथन करने के पद्धति आपकी नवीन विधा ही है । यहाँ यह विचारणीय है कि नव पदार्थो तक विषय विवेचना तो योग्य है किन्तु नव पदार्थो के निरूपण के पश्चात् बंध स्वरूप, बंध कारण स्वरूप, मोक्ष स्वरूप, मोक्ष कारण स्वरूप ( I ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002708
Book TitleParamagamsara
Original Sutra AuthorShrutmuni
AuthorVinod Jain, Anil Jain
PublisherVarni Digambar Jain Gurukul Jabalpur
Publication Year2000
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, H000, H999, P000, & P999
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy