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________________ किन्तु दुक्खा दुःख से विमोयंति छुड़ाते हैं (छुड़ाया) अव्यय (दुक्ख ) 5/1 (विमोय) व 3/2 सक (एता) 1/1 सवि (अम्ह) 6/1 स (अणाहया) 1/1 एसा यह मज्झ मेरी अणाहया अनाथता 26. भइणीओ मेरी महाराय (भइणी) 1/2 बहनों ने (अम्ह) 6/1 स (महाराय) 8/1 हे राजाधिराज! (सगा) 1/2 वि निजी [(जेठ)-(कणिठ्ठग) 1/2 वि 'ग' स्वा.] बड़ी या छोटी अव्यय सगा जेट्ठ-कणिट्ठगा नहीं अव्यय किन्तु दुःख से दुक्खा विमोयंति छुड़ाते हैं (छुड़ाया) एसा (दुक्ख) 5/1 (विमोय) व 3/2 सक (एता) 1/1 सवि (अम्ह) 6/1 स (अणाहया) 1/1 यह मज्झ मेरी अणाहया अनाथता 27. भारिया पत्नी ने मेरी हे राजाधिराज! महाराय अणुरत्ता अणुव्वया अंसुपुण्णेहिं नयणेहिं (भारिया) 1/1 (अम्ह) 6/1 स (महाराय) 8/1 (अणुरत्त(स्त्री)अणुरत्ता) 1/1 वि (अणुव्वया) 1/1 [(अंसु)-(पुण्ण) भूकृ 3/2 अनि] (नयण) 3/2 (उर) 2/1 (अम्ह) 6/1 स सन्तुष्ट पतिव्रता आँसू भरे हुए से नेत्रों से छाती को . 2 मेरी 166 प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002691
Book TitlePrakrit Gadya Padya Saurabh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2009
Total Pages384
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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