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________________ इतिहास और परम्परा] विषयानुक्रमांक xli सैनिकों को दीक्षा-निषेध पक्कुसाति-प्रतिबोध मृत्यु के बाद २७५ २७६ २७७ आगम साहित्य में २७७ महावीर के सम्पर्क में राजकुमारों की दीक्षा नरक-गमन और तीर्थङ्कर पद राजर्षि प्रसन्नचन्द्र के विषय में २७६ २७६ २८० जैन या बोद्ध? २८० नाम-चर्चा W भिभिसार आदि बिम्बिसार श्रेणिक पिता का नाम रानियाँ राजपुत्र २८४ २८४ २८५ २८६ ४८७ अजातशत्रु कूणिक २८७ २६१ २६४ महावीर के आगमन का सन्देश २८८ महावीर का चम्पा-आगमन २८६ महावीर का उपदेश २६० जैन या बौद्ध ? दोहद और जन्म २६४ श्रेणिक का पुत्र-प्रेम पिता को कारावास २६५ पिता का वध २६५ अनुताप २६६ जीवन-प्रसंग : एक समीक्षा २६६ मातृ-परिचय नाम-भेद २६८ २६७ २६६ महाशिलाकंटक-युद्ध और वज्जी-विजय महाशिलाकंटक संग्राम इन्द्र की सहायता ३०० ३०२ ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002621
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1987
Total Pages744
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & History
File Size15 MB
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