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________________ नेमिनाहचरिउ [ २२५१ [२२५१] तयणु जेट्ठिण भणिउ - अरि रक्खि सुह-मुत्त महोरगिणि ता कणिठु पभणेइ - निसुणहि । कसरक्कउ जारिसउ हवइ चक्क-चंपियहि एयहि ॥ चोएइ य संदण-वसह तह जह कसरक्केण । चक्किण चंपविणु निहय झत्ति महोरगि तेण ॥ [२२५२] अह तहाविह-स-कय-जोगेण एगम्मि महा-नयरि उरगि पवर-सेहिस्स कन्नय । संजाय जोव्वण-समइ तिण वि पवर-वणियस्सु दिन्नय ॥ ते-वि-हु तेसिं वि-य ललिय- गंगएव-अभिहाण । जाया दो-वि-हु अंगरुह निय-सुह-असुह-निहाण ॥ [२२५३] किंतु जेट्टउ तणउ तर्हि इछु अच्चंत-अणिटु लहु इय स जयइ तसु हणण-कज्जिण । इय मुणिउण दूरयरि घरि विमुक्कु तो नेउ जणइण ॥ अवरम्मि उ वासरि हुयइ गरुयइ पव्व-विसेसि । पिउ-चयणिण उवविसिवि निय-मंदिर-दार-पएसि ॥ [२२५४] गंगए० सु जाव भुंजेइ ता जणणिहिं सच्चविउ तयणु पुव्व-भव-भावि वइरिण । निस्सारिउ अमरिसिण धरिवि पइहि निय-घरह दारिण ॥ अक्कोसिउ नाणा-विहिहिं निहणिउ विविह-पयारु । एत्थंतरि तहिं आगयउं मुणि-जुयलउं जय-सारु । २२५१. ८ क. नियह. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002610
Book TitleNeminahacariya Part 2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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