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________________ ४७० नेमिनाहचरिउ [ २०६८ [२०६८] अह पयंपिउ समण-रयणेण निय-नंदण-दुहियरहं पुरउ - भद एसो वि तुम्हहं । जणगो इव इय नमहं अह ति भणहिं -- नणु किह णु अम्हहं ॥ जणय-समाणउ एहु अह नीसेसु वि पुव्वुत्तु । तेसि निवेयइ मुणि-वसहु चारुदत्त-वुत्तंतु ॥ [२०६९] ता वियासिय-नयण-तामरस पणमंति ते तमु चलण- कमल एत्थ-अंतरि पहुत्तउ । गयणयलह असम-जुइ पउर-अमर-परियणिण जुत्तउ । तियसाहिवइ-समाण-तणु- कंति-कलावु स-उण्णु । अमरु एगु पणमइ पढमु चारुदत्तु स-करुण्णु ॥ [२०७० तयणु पणमइ मुणिहि चलणेसु ता झत्ति स-विभमिण सीहजसिण वज्जरिउ- सुंदर किह पढमु वि मुणि-पयई मुइवि इमहं पणओ सि सुर-वर अह गुरु-हरिसिण सुरिण तिण भणिउ- मज्झ गुरु एहु। जइ पुणु कोउगु तुम्ह इह ता वइयरु निसुणेहु ॥ तहा हि [२०७१] संति स-किरिय-करण-कय-लक्ख वाणारसि-पुरवरिहि वाल-घुट्ठ-गुरु-साहु-सद्दय । पव्वाइय दुन्नि तहं पढम सुलस वीया सुभद्दय ॥ तहिं आगउ अवरावसरि जन्नवक्क-अभिहाणु । जोगिउ निययई सयलहं वि किरियहं विसइ पहाणु ॥ २०६८. ५. क. महु. २०७१. १. क. करुण; ६. क. आगमो. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002610
Book TitleNeminahacariya Part 2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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