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________________ ४६२ नेमिनाहचरिउ [२०३६ [२०३६] एत्थ-अंतरि धूमसिह-खयरु मह दइयह लुद्ध-मणु निहणणत्थु छिड्डइं पलोइरु । परिथक्कउ कालु चिरु हउं वि अज्ज सह पियह कीलिरु ॥ पाविण तेण निरिक्खिउण मुणिउण एगागि त्ति । मह एयारिस दस करिवि दइय हरेवि गओ त्ति ॥ [२०३७] __इय दुवे वि-हु विविह-सुह-दुक्खकह-जोगिण ठाउ खणु निय-निएस ठाणेसु पत्तय । वणि-पुत्तु वि मित्तवइ- नाम स-पिय वहु-गुणिहिँ जुत्तय ॥ वयणेणं पि हु नालवइ न कुणइ क-वि पडिवत्ति । चिट्ठइ विसयहं विमुह-मण- पसरु जहा सु मुणि त्ति ॥ [२०३८] ... इहु सुणेविणु जणय-जणणीहि । दुल्ललिय-गोद्विहिं तणउ ख्रिविउ तिहिं वि निय-वुद्धि-जोगिण । कलिंगसेणा-गणिय- धुय-वसंतसेणा-पसंगिण ॥ वासाविउ तह कह-वि जह थोवेहिं वि वरिसेहिं । सोलस-कंचण-कोडियउ फेडइ सह स-जसेहिं ॥ [२०३९] अह सु निद्धणु मुणिवि गणियाहिं नीहारिउ निय-घरह परिभमंतु पुणु स-घरि पत्तउ । तयणंतरु मय-जणणि- जणउ सयल-मुहि-सयण-चत्तउ ॥ ता निय-धरिणिहि आहरण- मोल्लिण भंड गहेवि । वाणिज्जिण सह माउलिण नयरंतरि गच्छेवि ॥ २०३६. ३. क. निहणत्यु, ख. निहणणुत्थु. २०३७. १. क. इव. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002610
Book TitleNeminahacariya Part 2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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