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________________ . ० [२९१५ नेमिनाहचरिउ [२९१५] तयणु नहयर-निवइ-निवहेहिं मणि-कंचण-मुत्तिइहि तुरय-हत्थि-रहवर-सुवत्थिहि । भरहद्धिय-तियसिहिं वि पाय-पूय कय वहु-पयत्थिहि ॥ सोलस-सहस-पमाणगिहिं मउडवद्ध-निवई हिं । पिहु पिहु सक्कारियउ हरि दुहिं दुहि निय-दुहियाहि ॥ [२९१६] सहस सोलस हरिण परिणीय अटेव य हलहरिण सहस अट्ठ जायविहिं इयरिहिं । ता सामित्तणिण हरि गहिवि नमिउ सयलिहिं वि खयरिहिं ॥ अह जहरिहु सक्कारिउण कहिण ते सव्वे-वि । निय-निय-ठाणि विसज्जिया सुर-नहयर-निवई वि ॥ [२९१७] तयणु जायव-कुमर साणंद विलसंति सव्वे-वि वहु- विहिहिं पवर-कीला-विणोइहि । माणति उज्जाण-सिरि रमहिं समगु नर-खयर-तरुणिहि ॥ नेमिकुमारो उण मुणिय- चउगइ-भव-भावत्थु । अ-कुणंतउ विसयहं कह-वि चिहइ मुणि व कयत्थु ।। [२९१८] ता नरिंदिण समुदविजएण सिवदेवी-परिगइण नेमि-कुमरु एगति सायरु । भणियउ जह - वच्छ तुहुं भुवण-अहिय-गुण-रयण-आयरु ॥ दार-परिग्गहु जइ कुणहि ता अम्हहं संतोसु । जायइ अह जय-वंधवु वि भणइ पणासिय-दोसु ॥ ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002610
Book TitleNeminahacariya Part 2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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