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________________ ६३२ नेमिनाहचरिउ [२८३६ [२८३६] अह जुहिहिर-भीम-अज्जुणयनउलाइ अणेग-विह समुदविजय-पमुहा य नरवर । संवाहिय-नियय-वल मिलिय रिउहुं रण-विहिहिं वंधुर ॥ ता पर-वलु वण-कुंजर व मिग-जूहई लोलंतु । समुदविजय-पमुहा य निव-निवह सव्वि खोहंतु ॥ [२८३७] असम-विक्कम दलिरु पर-चक्कु अ-क्खोहिउ पर-भडिहिं गहिय-खग्गु सिमुपालु नरवइ । अरि कण्हु गोवाल कहिं कहिं सु मुसलि इय भणिरु आवइ ॥ हरि-संदण-सविहम्मि अह पसरिय-रोस-भरेण । जय-विम्हय-करु रणु करिवि सु वि निहणिउ कण्हेण ॥ [२८३८] तयणु दसहिं वि निवइ-सहसेहि परिकलियउ अमरिसिण दट्ठ-उठु मागह-नरेसरु । आरोविवि धणु-रयणु गहिवि वाणु पायडिय-डंवरु ॥ पहरंतह स-वलह हरिहि तह पहरेउ पयट्टु । जइ स-नरामरवइ-गणु वि भणइ जाय-संघटु ॥ [२८३९] न हरि न मुसलि न सु जरासंधु नो नेमि न इयर भड जमिह एत्थ संगर-सरोवरि । आरंभिण एरिसिण दुहं-वि वलहं एरिसि मडप्फरि ॥ निम्मज्जिहई कहं-चि तह जह पच्छिम-लोयस्सु । मुद्धि वि दुल्लह होइसइ निय-निय-भडहं अवस्सु ॥ २८३६. क. संठाहिय. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002610
Book TitleNeminahacariya Part 2
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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