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________________ ३१० नेमिनाहचरिउ [१२३३ [१२३३] ता नरिंदिण तुट्ट-हियएण सविह-हिउ पुटु नरु एगु - भद्द को एहु दीसइ । कीलंतउ विजिय-सुर- रूवु तयणु इयरु वि पयासइ ।। जह - पहु चिट्ठइ इह वि पुरि समुदवाल-सत्थाहु । तस्स हु एहु अणंगरइ- नामु स-मित्त-सणाहु ।। [१२३४] तयणु भणइ निवइ जह – अहह सलहिज्जउ हउं जि पर निय-समिद्धि-जिय-तियस-पगरिस । वणि-मेत्त-तणुभव वि जसु पुरीए विलसंत एरिस ॥ जं वणिणो चिय वहु-विहव निवहं लच्छि पञ्चक्ख । इय उववूहिवि वणि-तणउ तह पीणिवि सय-लक्ख ॥ [१२३५] गयउ नरवइ धवलहरयम्मि वीयम्मि उ दियहि विहि. वसिण राय-वाडीए गच्छिरु । अवलोयइ मया इगु पुक्करंत-पुर-लोय-दुहयरु ॥ पुरिसिहि चउहिं समुक्खिविउ वहु-नायर-कय-खेउ । विरस-विसमतूरारविण मुहि-सयणहं दुह-हेउ ॥ _ [१२३६] हरिण-नयणिय चंपय-च्छाय ससि-सोम-वयणवुरुह कुंद-कलिय-सम-दंत-पंतिय । परिदेविय-रव-भरिय- धरणि-गयण-अंतर मयच्छिय ।। कुट्टहिं सिरु कर-मुग्गरिहिं पीडहिं उरु वाहाहिं । ताडहिं वच्छोरुह वियड निय-निय-कर-साहाहि ॥ . १२३३. ८. क. अणंगरई. १२३४. ८. क. वणतणउ. ___Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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