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________________ [ २७६ ] फलस्वरूप सद्संगत के प्रभाव से वह वरुणनागनत्तुआ का प्रिय बालमित्र, काल के समय काल करके सुकुल में ( अच्छे मनुष्य कुल में ) उत्पन्न हुआ। भगवान ने कहा-वहाँ से काल करके वरुणनागनत्तुमा का प्रिय बालमित्र महाविदेह क्षेत्र में जन्म लेकर सिद्ध बुद्धयावत् सर्व कर्मों का अंत करेगा। यदि वरुणनागनत्तुआ का प्रिय बालमित्र सम्यगद्दष्टि की अवस्था में आयुष्य का बंध करता तो कोई एक वैमानिक देवका आयुष्य बांधता क्योंकि सम्यग दृष्टि मनुष्य या तियच के एक वैमानिक देव को बाद देकर और आयुष्य का बंध नहीं होता है। सम्यगमिष्यादृष्टि के आयुष्य का बंधन नहीं होता। अतः वरुणनागनत्तुआ का प्रिय बालमित्र प्रथम गुणस्थान में (मिथ्यादृष्टि अवस्था में) सक्रिया के द्वारा मनुष्य का बायुष्य बांधा । (२०) पुल्फियाओ में सोमलऋषि के (प्रथम गुणस्थान में ) विवेचन में भी अनित्य भावना-अनित्य जागरणा का उल्लेख मिलता है । "तएणं तस्स सोमिलस्स माहणरिसिस्स, अण्णयाकयाई पुश्वरत्तावरतकालसमयंसिं, अणिच्चजागरियं जागरमाणस्स अयमेया रूवे अमथिए जाप समुप्पडिजत्था। पुल्फियायो ३ अर्थात् सोमिल ब्राह्मण ऋषि ने किसी समय में मध्यरात्रि में अनित्य-जागरणा के द्वारा अध्यात्म का चिंतन किया, अत: अनित्यजागरणा-निरवद्य-सद्अनुष्ठान है। (२१) भगवती सूत्र श६ उद्देशक ३१ में अश्रुत्वा केवली का उल्लेख किया गया है। वे अश्रुत्वा मिथ्यात्वी श्रावक-श्राविकादि, साधु-साध्वी के पास से धर्म सुने बिना ही सम्यग् अनुष्ठान से केवल ज्ञान प्राप्तकर लेते हैं । वहाँ कहा गया है कि विस जीव के ज्ञानावरणीय आदि कर्मो का क्षयोपशम किया है, उसको केवली यावत् केवलिपाक्षिक उपासिका इनमें से किसी के पास धर्म सुने बिना ही केवलिप्ररूपित्त धर्म का आचरण कर सकता है। सम्यगदर्शन प्राप्तकर सकता है । अनगारिक पन (प्रवा) स्वीकार कर सकता है, यावत् केवल ज्ञान प्राप्त कर सकता है । वहाँ अश्रुत्वा केवली के अधिकार में कहा गया है कि निरवध क्रिया करते रहने से वे मिथ्यात्वी जीव सम्यक्त्व और चारित्र को प्राप्त कर लेते हैं। Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002577
Book TitleMithyattvi ka Adhyatmik Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1977
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size14 MB
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