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________________ नवम् (भाग्य (धर्म) दयावान, विवेकी, गायभैंसादि जानवरोंका दाता अथवा उनका पोषक होता है। अधर्मी, दुष्ट, प्रपंची, अच्छे व्यक्तियोंका भी निंदक अभिमानी होता है। धर्मी, शांत प्रकृतिवाला, याचकोंको दान-दाता, ब्रह्मभोज कर्ता, और गरीब पर दयावान होता है गुरु दृष्ट-उत्तम कर्म कर्ता, कीर्तिवान्, प्रेमपूर्ण, खेतीका व्यवसाय करनेवाला होता है। दसम धार्मिक, अधिक धनवान, विचित्र प्रकारके दान-दाता, गौ दान, भोजन, वस्त्रादि दान-दाता व्यय युक्त, कार्यवान, साधुजनों पर दयावान, अभ्यागत्-देव-गुरु आदिको दान-दाता, ज्ञानवान, सतपुरुषोंसे प्रीतिकर्ता श्रेष्ठ मनुष्य, और स्त्रीसे एवं अच्छे मनुष्योंको दान प्रदान करनेसे लाभ प्राप्त करता है। विचित्र वस्त्र, स्त्री, राज्यलाभ, पराक्रम, विवादादि मे धन व्यय करता है। (कर्म) ग्यारह (लाभ) जानवर, राजसेवा और परदेशगमनसे लाभान्वित होता है। लाभवान, सदा स्त्री वल्लभ, वस्तु, पैसादिसे सुखी, और लोक प्रसिद्ध होता बारह (व्यय) सुख, कपड़े, भोजन, पशुलाभ, अनेक पराक्रम आदिमें व्यय करता है। व्यभिचार, पापकार्य, हाथी आदिकै व्यापारमें धन व्यय करता है। प्रथम (लग्न) द्वितीय (धन) तृतीय (पराक्रम) कर्क राशि सिंह राशि गौरवर्णी, दानवीर, शुरवीर, पांडुरोगी, घमंडी, धार्मिक, दयावान्, बुद्धिवान्, मांसाहारी, रसिक, शुरवीर, पित्त प्रकृतिवान्, प्रगल्भ, ज्यादातर पैदल चलनेवाला अच्छे मनुष्योंसे सेव्य पित्ताग्नी से दुःखी पाणीसे डरनेवाला, बच्चों परोपकारी, चतुर, से प्रीति कर्ता, नीतिवान, स्वकमाई से जीवन सुखी, वानस्पत्य पदार्थसे बीतानेवाला बनवासीसे धन प्राप्त करनेवाला धन-मान प्राप्त कर्तावैश्योंसे मैत्री करनेवाला, बुरे मित्रोंकी संगत, प्रपंची. धार्मिक, वृत्तिवान, अच्छा धनका लोभी, पापी, स्वभाव, खेती के व्यवसाय शुरवीर घमंडी, लेकिन वाला, आनंदी होता है। तुच्छ स्वभाववाला नहीं रूपवान, गुणवान, विद्यावान्, क्रोधी, निर्धन, बूरे नम्र स्वभावी, स्त्रीका वल्लभ स्वभाववाला संतानमें सर्वको प्रिय लड़कियाँ होती हैं। यशस्वी, अनुभवी, प्रसिद्ध कूर, क्रोधी, मांसप्रिय, होनेवाला, विनयवान परदेशमें रहनेवाला, पुत्रवाला, और धनवान अधिक खानेवाला, पुत्र वाला होता है। पुत्रवान्, अच्छी आंख वाला अकस्मातसे भयभीत, स्त्री से शत्रुता, भाईके ब्राह्मण-, राजा-महाजनादिको उपार्जित धन जमीनादिके मित्रतासे समभावमें रहे। निमित्त वैर बांधे। मनोहर, सौभाग्यवान, गुणवान | तीव्र स्वभावी, शट, दुष्टा, होता है। कलंक रहित परगृहकी गमक, द्रव्यलोभी, अच्छी स्त्रीवाला होता है। दुर्बल स्त्री प्राप्त करता है। चतुर्थ कन्या राशि कफ-पित्त प्रकृति, डरपोक, स्त्रीसे जीता हुआ, नालायक, मायावी, सुंदर कांतिवान राजासे जेवरात आदि प्रापक धन प्राप्त करनेवाला, और समृद्धिवान होता है। शस्त्रप्रिय- क्रोधी, अधिक मित्रोंवाला, देवगुरु भक्तिकारक अच्छे स्वभाववाला चुगलीखोर, कपटी, चोर, प्रपंची, मूर्ख, दुःखी, धन के लिए दुष्टोका संगी पुत्र रहित,पति को प्रिय, चतुर, पुण्यवान, पापरहितऐसी पुत्रीओवाला होता है। स्वजनोंके संगसे,या दुष्टाचारी, नीच, आश्रयरहित, वेश्याओंसे वैर रूपवान, सौभाग्यवान, मिष्टभाषी, चतुर, सुंदर, भोग-धन-नीतियुक्त स्त्री प्राप्त करता है। (सुख) पंचम (तनय) "काताहा षष्ठम् (रीपु) सप्तम (जाया) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002551
Book TitleSatya Dipak ki Jwalant Jyot
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiranyashashreeji
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1999
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size22 MB
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