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________________ ४१ गाथा पत्र ३०४० ३०४१-४२ ८५७ ८५७-५९ ३०४३-५० ८५९-६१ ३०५१-६० ३०५१-५२ ८५९ ३०५३-६० बृहत्कल्पसूत्र तृतीय विभागनो विषयानुक्रम । विषय अध्वगमनसूत्रनी व्याख्या सामान्य रीते निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थीओमाटे अध्वगमननो निषेध होई रात्रिमा एमाटे सविशेष निषेध अध्वना पंथ अने मार्ग ए बे प्रकार अने 'रात्रि'विषयक मान्यताने अंगे बे आदेशो १ मार्गद्वार रात्रिमा मार्गरूप अध्वगमनथी लागता मिथ्यात्व, उड्डाह, मूलगुण-उत्तरगुणरूप संयमविराधना, आदि दोषोनुं वर्णन अने तेने लगतो अपवाद । २ पथिद्वार पन्थना छिन्नाध्वा अने अच्छिन्नाध्वा ए बे प्रकार रात्रिमा पंथरूप अध्वगमनथी लागता मिथ्यात्व, उड्डाह, संयमविराधना आदि दोषोनुं स्वरूप अने अध्वोपयोगी उपकरण नहि राखवाथी लागता दोषो अपवादपदे अध्वगमनने लगतां कारणो अने अध्योपयोगी उपकरणोनो संग्रह तेम ज योग्य सार्थनी तपास करवानो विधि १ भंडी २ बहिलक ३ भारवह ४ औदरिक अने ५ कार्पटिक ए पांच प्रकारना सार्थो अने कया सार्थ साथे निर्ग्रन्थ निर्ग्रन्थीओए जq तेनो विधि निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थीओए अध्वगमनने योग्य सार्थ केवो छे ? सार्थवाह केवो छे ? आतियात्रिक अर्थात् सार्थना व्यवस्थापको केवा छे ? सार्थ खाद्य पदार्थ वगेरे केवां करियाणां लइने जाय छे ? सार्थ रस्तामा रोजना केवडा पडाव करशे ? सार्थ कये वखते चाली कये वखते पडाव करशे ? इत्यादि बावतोनी तपास करवानो विधि आठ प्रकारना सार्थवाहो अने आठ प्रकारना आतियात्रिको सार्थव्यवस्थापको अध्वगमनविषयक ५१२० भांगाओ ८५९-६१ ३०६१-६५ ८६१-६२ ३०६६-६८ ८६२-६३ ३०६९-७९ ३०८० ३०८१-८५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002512
Book TitleAgam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 03
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorChaturvijay, Punyavijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year2002
Total Pages364
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bruhatkalpa
File Size19 MB
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