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________________ ओ मारा नेमजी तोरणथी ओ मारा नेमजी तोरणथी रथ क्युं मोडो, ओ मारा नेमजी हथलेवो अब जोडो... मारा नेमजी... ओ मारा नेमजी महेन्दी लगाई मारा हाथो में, ओ मारा नेमजी महेन्दी रो रंग रातो... मारा नेमजी... ओ मारा नेमजी आठ भवों री प्रीतलडी, ओ मारा नेमजी नवमें भव क्युं तोडो... मारा नेमजी... ओ मारा नेमजी सोलह शृंगार में कीना, ओ मारा नेमजी मनडा री वातो जाणो... मारा नेमजी... ओ मारा नेमजी बेनड जूठी काया ने माया, ओ मारी बेनड जूठो है झंझाल मोरी बेनण... तोरणथी... ___ओ मारी बेनड पशुओं रोवे इण वाडा में, ओ मारी बेनड पाप से वाडो छेडो मारी बेनड... तोरणथी... ओ मारी बेनड पशुओं री पुकार सुनी, ओ मारी बेनड नेनो नेनो कालजो कपीजे... मारी बेनड तोरण... ओ मारी बेनड कर्म कपावा में जावु, ओ मारी बेनड गढ गिरनार जावू मारी बेनड तोरणथी.... ओ मारा नेमजी थोरे साथे में चालुं; ओ मारा नेमजी संयम लईने चालो नेमजी... तोरण... ओ मारा नेमजी भक्तो तोरा गावे हैं, ओ मारा नेमजी भव भव पार उतारो मारा नेमजी... तोरण... ૧૧૪
SR No.002497
Book TitleGirnar Geetganga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirthvikas Samiti
Publication Year2016
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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