SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 931
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८८४ कसप्पहार कुलिय कुम्भीपाकदहण कटुप्पहार कोप्पर कोद्दाल खुम्भण बारतेल्ल गयचलण-मलण गाय- पच्छणण गोमियप्पहार चड़वेला छवि च्छेयण जिब्भ- छेयण जाणुपत्थर निवाय जाणुप्पहार ताडण दालण दंड दूमण निब्भच्छणा नेत्तप्पहार निवायण नासाभेय पत्थर पणालि पणोल्लि पादपहि परोप्पराभिहणण पीलण बंध मुट्ठिप्पहार २७३ १०६ ८२४ २७३ २७३ १०६ १०६ ८२४ ८२४ ८२४ २७२ २७३ १०५ ८२४ ८२४ ८२४ १०५,८२४ १०६ २७३ १०५, २७२ २७२ २७३ १०५ १०५ - २७३ 11 " ܐ क २७३,८२४ १०६ =२४ १०५,८२४ २७३ मलण मारण लेप्पहार लयाप्पहार लताप्पहार लक्खारस लउडप्पहार वरत्तप्पहार वह वझपट्ट वायातवदंस मसगनिवात वेत्तप्पहार विविहसत्यघट्टण विच्छुयडक्क रु भण सलिलघट्टण सूतीनखप्पवेस सीपुच्छ सुलभेय श्री प्रश्वव्याख्या सूत्र १०६ १०६ २७३ वसणनयणहियय दंत भंजण ८२४ उद्धचलणबंधण कीलग कूव कुदंडग खंभालण चारग चक्कविततबंधण जय निगड़ "1 " ८२४ २७३ " १०५,८२४ २२३ ८२४ २२३ १०६ ८२४ ३७ विविध बन्धन १०६ १०६ ८२४ ८२४ ८२४ २७२ "} "1 "1 " 11 "" " ";
SR No.002476
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyanpith
Publication Year1973
Total Pages940
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy