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________________ ६३८) जलगांव औरंगाबाद (महाराष्ट्र) वैजापुर गंगपुर १०३ दोलताबाद ६३. इलोरा पैठण १३ मूलनायक श्री गोडीजी पार्श्वनाथजी १७४९ में फाल्गुन सुदी ११ से पहले यहां जवेरी परिवार का घर मंदिर था। अभी वहां शिखरबंधी मंदिर बना है। प्रतिमाजी ८०० वर्ष पुराने है । प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजय रामसूरीश्वरजी म. ( ढहेलावाले) के द्वारा हुई है। आरस के प्रतिमाजी १४ धातु के २६ हैं। बड़ा बाजार जौहरीवाला श्री महावीर स्वामी मंदिर १०० वर्ष से है। लकड़ी के शिखरवाला है। वहां आरस के १० प्रतिमाजी है। यह मंदिर वेरवाड़ा में है। संप्रति राजा के समय का मंदिर गिना जाता है। अमलनेर इस एक परिसर में श्री धर्मनाथजी मंदिर, श्री महावीर स्वामी मंदिर है तथा करण पुरा में श्री मुनिसुव्रत स्वामी मंदिर है। जलगांव औरंगाबाद मुसावळ अजंता भोकरदन ३४. श्री औरंगाबाद तीर्थ जालना श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भाग- २ जीर्णोद्धार कराकर चारों मंदिर की प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजय प्रभाकर सूरीश्वरजी म. की निश्रा में सं. २०५२ मगर सुद २ को कराई है। औरंगाबाद से पास अजंता गुफाएं हैं उसमें प्राचीन जैन मूर्तियां शिल्प आदि हैं। धर्मनाथजी का मंदिर शहर में है। आरस के १४ प्रतिमाजी है। श्री मुनिसुव्रत स्वामी का भव्य मंदिर रेल्वे स्टेशन के पास है। जैनों के २०० जौहरीवाडे में तथा ८०० शहर में कुल संख्या ७००० है । जालना से ७० कि.मी. है। हैदराबाद औरंगाबाद रेल्वे स्टेशन है। जौहरीबाजार । पिन - ४३१००१ सेठ श्री आणंदजी कल्याणजी पेढ़ी
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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