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________________ महाराष्ट्र विभाग (६१७ ( 1 ) ) () () () () ) ११. श्री पांचोरा तीर्थ ) ( । श्रीभगनाथ भगवान पांचोर जैन मंदिरजी मूलनायक श्री संभवनाथजी मूलनायक श्री संभवनाथजी यहां १२५ वर्ष पहले घर मंदिर था । शिखरबंधी मंदिर होने पर वि. सं. २०१५ मगसिर सुद ९ को पू. आ. श्री विजय यशोदेवसूरीश्वरजी म. के द्वारा प्रतिष्ठा हुई है। आरस के १२ प्रतिमा है। ' धातु के १८ प्रतिमा है। जैनों के १४० घर ७०० की संख्या है। कच्छी गुजराती आदि है। जलगांव से ६०कि.मी. है। मुंबई भुसावल रेल्वे लाईन पर यह स्टेशन है। जि.-जलगांव। १२. श्री जलगांव तीर्थ मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी पहले भाईचंद खुशालचंद पाटन के रहीश का घर मंदिर था। ७५ वर्ष पहले शिखरबंधी बनाया है। अंतिम प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजयभुवन भानुसूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है। आरस के १३ धातु की १५ प्रतिमा है। नये दो मंदिर शिखरबंधी बन रहे हैं। ४ घर देरासर है। जैनों के कच्छी मारवाड़ी २०० घर है । १२०० की संख्या है। पांचोरा ४७ कि.मी. है। सुरत भुसावल तथा अहमदाबाद हावड़ा रेल्वे लाईन उपर जंक्शन है। पिन-४२५००१ . यहां से ३७ कि.मी. और भुसावल से २७ कि.मी. जामनेर गांव है। वहां सुंदर शिखरबंधी जिनमंदिर है। पू. आ. श्री विजयरामचंद्र सू. म. के प्रशिष्य पू. पं. श्री चंद्रकीर्ति विजय म. के द्वारा ता. १४-२-९० महा वदी५ को प्रतिष्ठा हुई है। जलगांव से १५-१५ मिनिट और भुसावल से ३०-३० मिनिट में बस मिलती है।
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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