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________________ ८०) 米米米米 一串串串串串串串串串 0.0.0.0.0.0.0.0.0.0.0 सुमेरक्लब रोड पर ओसवाल कॉलोनी में यह भव्य तीर्थ तुल्य मंदिर पू. आ. श्री विजय जिनेन्द्र सूरीश्वरजी म. के उपदेश से बना है। इसकी प्रतिष्ठा अजंनशलाका के साथ २०३८ में वैशाख सुद ३ को पू. आ. श्री विजय सोमचन्द्र सूरीश्वरजी म. तथा पू. आ. श्री विजय जिनेन्द्र सूरीश्वरजी म. की निश्रा में हुई है। इस प्रसंग में वै. सु. ३ को जिनेन्द्र सूरीश्वर जी म. की आचार्य पदवी हुई हैं। मंदिर के पास उपाश्रय तथा अन्दर जाते आयंबिल भवन तथा अतिथि गृह हैं। आगे कामदार कालोनी में पू. पं. श्री वज्रसेनवि म. के उपदेश से श्री नमिनाथ जिन मंदिर व उपाश्रय बना है। आयंबिल खाता भी है। यहां से हाईवे ऊपर आगे श्री वेलजी भाई हरणीया भव्य बड़ा मंदिर बना रहे हैं। जामनगर में फुलीबाई जैन धर्मशाला (देवबाग के पास), दूसरी जैन धर्मशाला चांदी बाजार चौक में तथा तीसरी जैन धर्मशाला दिग्विजय प्लॉट न्यू जेल रोड पर हैं। देवबाग में तथा बेडी के नाके के पास इस प्रकार दो जैन भोजनालय हैं। श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ 泰泰好泰 दिग्विजय प्लॉट श्री विमलनाथजी मंदिर की प्रांगण में हाथियों ऊपर श्री पाल कुमार मयणा सुन्दरी (८) श्री चन्द्रप्रभ स्वामी जैन मन्दिर AMANNER "मय તૃતીયા’ 一衆米米米米米米米米米米
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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