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________________ ४४ अविरति--मूल भाव ५. उत्तर भेद-उपशम भावे सम्यक्त्व १. क्षायिक भावे स म्यक्त्व १. क्षयोपशम भावे विरति द्विक २, मनःपर्यव ज्ञान, १, ए ३ विना १५. औदयिक भावे २१. पारिणामिक भावे ३. कुल ४१ होय. ४६ चक्षुदर्शन, अचक्षुदर्शन-मूल भाव ५. उत्तर भेद-उपशम भावे २. क्षायिक भावे सम्यक्त्व अने चारित्र २, क्षयोपशमे १८, औदयिके २१. पारिणामिके ३. कुल ४६. ४९ लेश्या पहेली ३-मूल भाव ५. उत्तरभेद-उपशम भावे सम्यक्त्व १. क्षायिक भावे सम्यक्त्व १. क्षयोपशम भावे १८. औदयिक भावे पांच लेश्या विना १६. पारिणामिक भावे ३. कुल ३९. ५१ तेजो अने पद्म लेश्या-मूल भाव ५. उत्तर भेद-उपशम भावे सम्यक्त्व १. क्षायिक भावे सम्यक्त्व १. क्षयोपशम भाबे १८. औदयिक भावे लेश्या ५, नरक .. गति १, ए ६ विना १५. पारिणामिक भावे ३. एवं ३८. ५२ शुक्ल लेश्या-मूल भाव ५. उत्तर भेद-उपशम भावे २. क्षायिक भावे ९. क्षयोप शमे १८. औदयिक भावे लेश्या ५, नरक गति १, ए ६ विना १५. पारि णामिक भावे ३. एवं ४७. ५३ भव्य-मूल भाव ५. उत्तर भेदे-अभव्य विना ५२ भाव होय. ५४ अभव्य-मूल भाव ३. उपशम अने क्षायिक विना. उत्तर भेद-क्षयोपशम भावे लब्धि ५, अज्ञान ३, दर्शन २, ए १० भाव. औदयिक भावे २१. पारिणा मिक भावे भव्य विना २. एवं ३३. ५५ उपशम--मूल भाव ५. उत्तर भेद-उपशम भावे २. क्षायिक भावे सम्यक्त्व १. क्षयोपशम भावे अज्ञान ३, देशविरति १, ए ४ विना १४. औदयिक भावे मिथ्यात्व १, अज्ञान १, ए २ विना १९. पारिणामिक भावे अभव्य विना २. कुल ३८. ५६ क्षयोपशम--मूल भाव ३. उपशम अने क्षायिक विना. उत्तर भेद-क्षयोपशम भावे अज्ञान ३ विना १५. औदयिक भावे उपर प्रमाणे १९. पारिणामिक भावे उपर प्रमाणे २. कुल ३६. ५७ क्षायिक-- मूल भाव ५. उत्तर भेद-उपशम भावे चारित्र १. क्षायिक भावे ९. क्षयो पशमे अज्ञान ३, देशविरति १, ए ४ विना १४. औदयिक भावे पूर्वनी पेठे १९. पारिणामिके २. कुल ४५.
SR No.002417
Book TitleYantrapurvak Karmadi Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Mahila Mandal
PublisherJain Mahila Mandal
Publication Year1932
Total Pages312
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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