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________________ * प्यास और धैर्य * विपरीत अर्थ निकालकर अपने को नष्ट न कर लेंगे। क्योंकि सभी कुंजियां ज्ञान की खतरनाक हैं। उनसे आप नष्ट भी हो सकते हैं। जरा-सा गलत उपयोग, और जो अग्नि आपके जीवन को बदलती, वही अग्नि आपको भस्मीभूत भी कर दे सकती है। इसलिए कृष्ण कहते हैं, यह गोपनीय है शास्त्र, रहस्यमय है। क्योंकि जब तक तू अनुभव न कर ले, तब तक यह पहेली बना रहेगा। और इसको तत्व से जानकर ही मनुष्य ज्ञानवान और कृतार्थ हो जाता है। सुनकर नहीं, समझकर नहीं; अनुभव करके। आपने भी सुना। उसमें से थोड़ा कुछ सोचना, पकड़ना, थोड़ा-सा, एक रंचमात्र। और उस रंचमात्र के आस-पास जीवन को ढालने की कोशिश करना। एक छोटा-सा बिंदु भी इसमें से पकड़कर अगर आपने जीवन को बसाने की कोशिश की, तो वह छोटा-सा बिंदु आपके पूरे जीवन को बदल देगा। छोटी-सी चिंगारी पूरे पर्वत को जला डालती है। चिंगारी असली हो, चिंगारी जीवंत हो। चिंगारी शब्द नहीं जंगल को नहीं जला देगा, चिंगारी जलाएगी। बहुत-सी चिंगारियां कृष्ण ने अर्जुन को दी हैं। अगर मनपूर्वक सहानुभूति से समझा हो, तो उसमें से कोई चिंगारी आपके मन में भी बैठ सकती है, आग बन सकती है। लेकिन सिर्फ मुझे सुन लेने से यह नहीं होगा। करने का खयाल मन में जगाएं। जल्दी परिणाम न आएं, घबड़ाएं मत। आपने शुरू किया, इतना ही काफी है। परिणाम आएंगे; परिणाम सदा ही आते हैं। परमात्मा की तरफ उठाया गया कोई भी कदम व्यर्थ नहीं जाता। आज इतना ही। 279
SR No.002410
Book TitleGita Darshan Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages450
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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