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________________ *गीता दर्शन भाग-7* उनके पास भी एकाग्रता होती है। साधना के पूर्व शुद्ध हो; शक्ति की घटना घटने के पहले अंतःकरण हिटलर के पास बड़ी एकाग्रता है। जर्मन जैसी बुद्धिमान जाति | | शुद्ध हो जाए। अन्यथा हित की जगह अहित की संभावना है। को इतने बड़े पागलपन में उतार देना सामान्य व्यक्ति की क्षमता नहीं | - आप सोचें, अगर आपको अभी शक्ति मिल जाए, तो आप क्या है। हिटलर ने जो भी कहा, वह जर्मन जाति ने स्वीकार कर लिया। करेंगे? अगर आपको एक शक्ति मिल जाए कि आप चाहें तो उसकी आंखों में जादू था। उसके कहने में बल था। उसके खड़े होते | किसी को जीवन दे सकें और चाहे तो किसी को मृत्यु दे सकें, तो से सम्मोहन पैदा हो जाता। आपके मन में सब से पहले क्या खयाल उठेगा? जर्मनी की पराजय के बाद जिन लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय अदालत में | | शायद यह आपके मन में खयाल उठे कि मित्र को मैं शाश्वत वक्तव्य दिए-उसमें बड़े बुद्धिमान लोग थे, प्रोफेसर थे, बना दूं। लेकिन शत्रु को नष्ट कर दूं, यह खयाल पहले उठेगा। वह युनिवर्सिटी के वाइस चांसलर थे—उन्होंने यही कहा कि हम अब जो अंतःकरण भीतर है, जैसा है, वैसे ही खयाल देगा। सोच भी नहीं पाते कि हमने यह सब कैसे किया! जैसे कोई शक्ति | | अगर आपको यह शक्ति मिल जाए कि आप अदृश्य हो सकते हमसे करवा रही थी। | हैं, तो आपको यह खयाल शायद ही आए कि अदृश्य होकर जाऊं दुनिया में बुरे आदमी के पास भी ताकत होती है; भले आदमी | | और लोगों के पैर दबाऊं, सेवा करूं। मैं नहीं सोचता कि यह के पास भी ताकत होती है। ताकत एक ही है। बुरे आदमी के पास | खयाल भी आ सकता है। अदृश्य होने का खयाल आते ही से, हृदय का यंत्र बुरा है। वही ताकत उसके बुरे यंत्र को चलाती है। । | किसकी पत्नी को आप ले भागें, किसकी तिजोरी खोल लें, जहां यह बिजली दौड़ रही है। इससे बिजली भी चल रही है, पंखा | कल तक आप प्रवेश नहीं कर सकते थे, वहां कैसे प्रवेश कर जाएं, भी चल रहा है। पंखा खराब हो, बिजली वही दौड़ती रहेगी, लेकिन | | वही खयाल आएगा। पंखे में खड़-खड़ शुरू हो जाएगी। पंखा बहुत खराब हो, तो सोचने भर से कि आपको अगर अदृश्य होने की शक्ति मिल टूटकर गिर भी सकता है, और किसी के प्राण भी ले सकता है। | जाए, तो आप क्या करेंगे? एक कागज पर आप बैठकर आज ही कसूर बिजली का नहीं है। रात लिखना, तो आपको खयाल में आ जाएगा कि...अभी शक्ति मनुष्य तो एक यंत्र है। शक्ति तो सभी परमात्मा की है, चाहे बुरे | मिल नहीं गई है, सिर्फ खयाल है, लेकिन मन सपने संजोना शुरू आदमी में हो, चाहे भले आदमी में हो। शक्ति का स्रोत तो एक ही कर देगा कि क्या करना है। है। राम में भी वही स्रोत है; रावण में भी वही स्रोत है। रावण के | और शक्ति अशुद्ध को भी मिल सकती है। इसलिए शक्ति के लिए कोई अलग मार्ग नहीं है शक्ति को पाने का। उसी महास्रोत | | स्रोत छिपाकर रखे गए हैं। सीक्रेसी; योग, तंत्र और धर्म के से रावण भी शक्ति पाता है, जिस महास्रोत से राम शक्ति पाते हैं। | आस-पास इतनी गुप्तता का कुल कारण यही है। क्योंकि शक्ति शक्ति के स्रोत में कोई भी फर्क नहीं है, लेकिन दोनों के हृदय का स्रोत गलत आदमी को भी मिल सकता है; खतरनाक आदमी में फर्क है। एक के पास शुद्ध हृदय है; एक के पास अशुद्ध हृदय को भी मिल सकता है। और जब भी कोई विज्ञान-कोई भी है। उस अशुद्ध हृदय में से शक्ति विनाशक हो जाती है। शुद्ध हृदय विज्ञान, चाहे आंतरिक, चाहे बाह्य-ऊंचाइयों पर पहुंचता है, तो से शक्ति निर्मात्री, सृजनात्मक हो जाती है। शुद्ध से जीवन बहने खतरे शुरू हो जाते हैं। लगता है; अशुद्ध से मृत्यु बहने लगती है। शुद्ध से प्रकाश बन | अभी पश्चिम में विचार चलता है कि विज्ञान की जो नई खोजें जाता है, अशुद्ध से अंधकार बन जाता है। | हैं, वे गुप्त रखी जाएं; अब उनको प्रकट न किया जाए। क्योंकि लेकिन शक्ति का स्रोत एक है। दो स्रोत हो भी नहीं सकते; दो विज्ञान की नई खोजें अब खतरे की सीमा पर पहुंच गई हैं। वे बुरे स्रोत का कोई उपाय भी नहीं है। कितना ही बुरा आदमी हो, | | आदमी के हाथ में पड़ सकती हैं। पड़ ही रही हैं; क्योंकि राजनीतिज्ञ परमात्मा उसके भीतर वही है। के हाथ में पड़ जाती है सारी खोज। इसलिए जो सदगुरु वस्तुतः सैकड़ों लोगों पर साधना के प्रयोग | आइंस्टीन, जिसने हाथ बंटाया अणु शक्ति के निर्माण में, उसने किए हैं, करवाए हैं, उन्होंने अनिवार्यरूप से कुछ व्यवस्था की है | कभी सोचा भी नहीं था कि हिरोशिमा और नागासाकी में एक-एक जिससे कि अंतःकरण शुद्ध हो। या तो साधना के साथ शुद्ध हो या लाख लोग जलकर राख हो जाएंगे मेरी खोज से।
SR No.002410
Book TitleGita Darshan Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages450
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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