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________________ अनन्य निष्ठा > की है, इसलिए सवाल उठता है। सवाल आप नहीं उठा रहे हैं; शिक्षा उठा रही है। क्योंकि सारी शिक्षा डाउट की है; सारी शिक्षा संदेह की है। छोटे-से बच्चे को हम संदेह करना सिखा रहे हैं। जरूरी है विज्ञान की शिक्षा के लिए, अन्यथा विज्ञान खड़ा नहीं होगा। इसीलिए भारत में विज्ञान खड़ा नहीं हो सका। क्योंकि जिस देश ने गीता में भरोसा किया, वह देश विज्ञान पैदा नहीं कर पाएगा। लेकिन पश्चिम में धर्म डूब गया। क्योंकि जो चिंतना संदेह में भरोसा करेगी, वह धर्म से वंचित रह जाएगी। और अगर लंबे हिसाब में तौला जाए, तो शायद हम नुकसान में नहीं हैं। और शायद इस सदी के पूरे होते-होते हमें पता चलेगा कि हम फायदे में हैं। कभी-कभी उलटा हो जाता है। अभी तो हमें लगता कि हम बड़े नुकसान में पड़ गए हैं। न विज्ञान है, न टेक्नीक है हमारे पास। गरीबी ज्यादा है, मुसीबत ज्यादा है। लेकिन कोई नहीं कह सकता कि इस सदी के घूमते ही, इस सदी के जाते ही पश्चिम भारी मुसीबत में नहीं पड़ जाएगा। पड़ जाएगा, पड़ रहा है। क्योंकि संदेह न करके हमने बाहर की बहुत-सी चीजें खोईं, लेकिन श्रद्धा रखकर हमने भीतर का एक द्वार खुला रखा। पश्चिम ने संदेह करके बाहर की बहुत चीजें पाईं, लेकिन भीतर जाने वाले द्वार पर जंग पड़ गई, और वह बिलकुल बंद हो गया। आज कितना ही ठोंको, पीटो, खटखटाओ, वह खुलता हुआ मालूम नहीं पड़ता। हालत ऐसी हो गई कि भीतर जाने वाला कोई द्वार भी है, ऐसा भी मालूम नहीं पड़ता । द्वार इतनी मजबूती से बंद है, इतने दिनों से बंद है कि करीब-करीब दीवाल हो गया है। कहीं कोई द्वार नहीं मालूम पड़ता। याद आता है मुझे कि एक बार पिछले महायुद्ध के समय चीन में ऐसा हुआ। दो भाइयों का बंटवारा हुआ। बाप मरणशय्या पर था, तो बाप ने बंटवारा कर दिया। एक-एक लाख रुपए दोनों भाइयों के हाथ में लगे। एक भाई ने तो बहुत मेहनत करनी शुरू कर दी रुपयों से। एक-एक पैसा बचाकर, जीवन दांव पर लगाकर कमाने में लग गया। दूसरे भाई ने तो लाख रुपए की शराब पी डाली। सिर्फ शराब की बोतलें भर उसके पास इकट्ठी हो गईं। स्वभावतः जिसने शराब पी थी, सारे लोगों ने कहा कि बर्बाद हो गए, मिट गए। लेकिन वहां कोई सुनने वाला भी नहीं था । वह तो इतना पीए रहता था कि कौन बर्बाद हो गया! कौन मिट गया ! किसके संबंध में बात कर रहे हो ! कुछ पता नहीं था। पर बोतलें जरूर इकट्ठी होती चली गईं। और जिंदगी बड़े मजाक करती है कभी । और मजाक हुआ । जिस भाई ने लाख रुपया धंधे में लगाया था, उसका तो लाख रुपया डूब गया। और युद्ध आया, और शराब की बोतलों के दाम बहुत बढ़ गए। और उस आदमी ने सब बोतलें बेच लीं। और कहते हैं | कि लाख रुपए उसको वापस मिल गए। लाख रुपए की बोतलें बेच उसने । जिंदगी कभी - कभी अनूठे मजाक करती है। करीब-करीब यह |सदी पूरी होते-होते ऐसा ही मजाक जिंदगी में घटित वाला है। यह पूरब ने भीतर का एक द्वार तो खुला रखा, बाहर का सब कुछ खो दिया । निश्चित ही, हम नासमझ सिद्ध हुए। हमारे पास कुछ है नहीं । हमने भी एक तरह की शराब पी, जिसको भीतरी शराब कहें। और ऐसा मैं कह रहा हूं, ऐसा नहीं । जो भी जानने वाले हैं, वे यही कहते रहे हैं कि एक शराब है, एक नशा है, एक मदहोशी है भीतर की, जहां डूबकर कोई वापस लौटता नहीं । उमर खय्याम ने उसी के गीत गाए हैं। लेकिन लोग समझे नहीं कि उमर खय्याम तो एक सूफी फकीर था। लोग समझे कि वह इसी मधुशाला की बात कर रहा है, जो बाजार में खुली हुई है। वह तो उस मधुशाला की बात कर रहा है, जो भीतर खुलती है। वह तो उस पीने और पिलाने की बात कर रहा है, जो परमात्मा का नशा है। भीतर का यह द्वार तो श्रद्धा से खुलता है। श्रद्धा का अर्थ है, असंशय निष्ठा। लेकिन शिक्षण पूरा विज्ञान का है, इसलिए हमारा मन संदेह के सवाल उठाता है। स्वाभाविक ! उस जमाने में विज्ञान | का कोई शिक्षण न था, शिक्षण धर्म का था, इसलिए अर्जुन ने कोई सवाल नहीं उठाया। अभी मैं एक छोटे-से बच्चे का जीवन पढ़ रहा हूं। उस बच्चे ने बड़ी हैरानी का प्रयोग किया। बारह साल का लड़का घुमक्कड़ जिप्सियों के साथ भाग गया। उसके पिता ने उसको सहायता दी। | कहना चाहिए, पिता ने उसे भगाया जिप्सियों के साथ। यह जानने के लिए कि छः साल वह बच्चा जिप्सियों के साथ रहेगा, तो जिप्सियों की आंतरिक जिंदगी के रहस्य पता लगा लाएगा। क्योंकि जिप्सियों के संबंध में जो भी लिखा गया है, वह बाहर के लोगों की लिखावट है। और जब तक हम किसी को भीतर से न जानें, सच्चाइयों का कोई पता नहीं चलता। तो उस बच्चे को भगा दिया जिप्सियों के साथ। जिप्सियों का | एक कबीला ठहरा है गांव के बाहर। उसके बच्चों से दोस्ती करवा दी बारह साल के बच्चे की । और उस बारह साल के बच्चे को 323
SR No.002406
Book TitleGita Darshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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