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________________ - योग का अंतर्विज्ञान - बातें खयाल में लें, तो स्मरण की प्रक्रिया समझ में आ सकेगी। न मिले, तो आपको मां की गोद का भर पता नहीं चलेगा, और सब विस्मरण का पहला बुनियादी कारण तो यह है कि जो भी हम | पता चलता रहेगा। मां की गोद छूट जाती है, तब ही पता चलता है हैं, उसे बिना एक बार भूले, हमें कभी पता नहीं चलेगा। जो भी हम कि वह गोद थी। उसका अर्थ और अभिप्राय है। हैं, उसे एक बार बिना करीब-करीब खोए, हमें पता नहीं चलेगा। ___ जीवन का यह सत्य स्वयं के स्वभाव को भूलने के लिए भी लागू असल में पता चलने के लिए विरोधी घटना घटनी चाहिए। पता होता है। भूलना ही पड़ता है, तो ही हमें बोध होता है। बोध के जन्म चलने का नियम है। की यह अनिवार्य प्रक्रिया है। अगर आप कभी बीमार नहीं पड़े, तो आप स्वस्थ हैं, ऐसा और भूलने का ढंग क्या होता है? भूलने का एक ही ढंग है। आपको कभी पता नहीं चलेगा। कभी भी आपको यह पता नहीं | | भूलने का एक ही ढंग है, अगर स्वयं को भूलना हो, तो स्वयं को चलेगा कि आप स्वस्थ हैं। बीमार पड़ेंगे, तो पता चलेगा कि स्वस्थ | गलत समझना पड़ेगा, तभी भूल सकते हैं; नहीं तो भूल नहीं थे। बीमार पड़ेंगे, तो पता चलेगा कि अब स्वस्थ हो गए। लेकिन सकते। स्वयं को कुछ और समझना पड़ेगा, तभी जो हैं, उसे भूल बीमारी के कंट्रास्ट के बिना, बीमारी के विरोध के बिना, आपको | सकते हैं, अन्यथा भूलेंगे कैसे? इसलिए चेतना अपने को शरीर अपने स्वास्थ्य का कोई स्मरण नहीं हो सकता है। समझ लेती है, पदार्थ समझ लेती है, मन समझ लेती है, विचार अगर इस पृथ्वी पर अंधेरा न हो, तो प्रकाश का किसी को भी समझ लेती है, भाव समझ लेती है, वृत्ति-वासना समझ लेती पता नहीं चलेगा। प्रकाश होगा, पता नहीं चलेगा। पता चलने के | | है-सिर्फ आत्मा नहीं समझती। दूसरे के साथ तादात्म्य हो जाता लिए विपरीत का होना जरूरी है। वह जो विपरीत है, वही पता | है। यह भूलने का ढंग है। चलवाता है। अगर बुढ़ापा न हो, तो जवानी तो होगी, लेकिन पता | __योग इस भूलने के ढंग से विपरीत यात्रा है, पुनः घर की ओर नहीं चलेगा। अगर मौत न हो, तो जिंदगी तो होगी, लेकिन पता न | वापसी; रिटर्निंग होम। बहुत दूर निकल गए हैं; फिर वापस चलेगा। जिंदगी का पता चलता है मौत के किनारे से। वह जो मौत पुनर्यात्रा। निश्चित ही, पुनः उसी जगह पहुंचेंगे, जहां से चले थे। की पष्ठभमि है. उस पर ही जीवन उभरकर दिखाई पड़ता है। अगर लेकिन आप वही नहीं होंगे। क्योंकि जब आप चले थे. तब आपको मौत कभी न हो, तो आपको जीवन का कभी भी पता नहीं चलेगा। उस जगह का कोई भी पता नहीं था। अब जब आप पहुंचेंगे, तो यह बहुत उलटी बात लगेगी, लेकिन ऐसा ही है। आपको पूरा पता होगा। वहीं पहुंचेंगे, जहां से चले थे। वहीं प्रभु स्कूल में शिक्षक लिखता है, काले ब्लैकबोर्ड पर सफेद खड़िया के मंदिर में प्रवेश हो जाएगा, जहां से बाहर निकले थे। लेकिन जब से। सफेद ब्लैकबोर्ड पर भी लिख सकता है। लिखावट तो बन दुबारा पहुंचेंगे, इस बीच के क्षण में प्रभु को भूलकर, तो प्रभु के जाएगी, लेकिन दिखाई नहीं पड़ेगी। लिखता है काले ब्लैकबोर्ड पर मिलन के आनंद और एक्सटैसी का, समाधि का, प्रभु के मिलन और तब सफेद खड़िया उभरकर दिखाई पड़ने लगती है। | के उत्सव का, प्रभु के मिलन की वह जो अपूर्व घटना घटेगी, वह जिंदगी के गहरे से गहरे नियमों में एक है कि उसी बात का पता | प्राणों में अमृत बरसा जाएगी। चलता है जिसका विरोधी मौजूद हो; अन्यथा पता नहीं चलता। | वहीं पहुंचेंगे, लेकिन वही नहीं होंगे, क्योंकि बीच में विस्मरण अगर हमारे भीतर परमात्मा है, सदा से है, तो भी उसका पता घट चुका। और अब जब स्मरण आएगा, तो यह काले तख्ते पर तभी चलेगा, जब एक बार विस्मरण हो। उसके बिना पता नहीं | सफेद रेखाओं की तरह उभरकर आएगा। पहली दफे, जो लिखा चल सकता। है, वह पढ़ा जा सकेगा। पहली दफे, जो स्वभाव है, वह प्रकट इसलिए विस्मरण स्मरण की प्रक्रिया का अनिवार्य अंग है। | होगा। पहली दफे, जो छिपा है, वह उघड़ेगा। पहली दफे, जो दबा ईश्वर से बिछुड़ना, ईश्वर से मिलन का प्राथमिक अंग है। ईश्वर है, वह अनावृत होगा। यह जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। से दूर होना, उसके पास आने की यात्रा का पहला कदम है। केवल कोई पूछे, ऐसा क्यों है? तो वह बच्चों का सवाल पूछ रहा है। वे ही जान पाएंगे उसे, जो उससे दूर हुए हैं। जो उससे दूर नहीं हुए | । वैज्ञानिक से पूछे कि पृथ्वी गोल क्यों है? वह कहेगा, है। हम तथ्य हैं, वे उसे कभी भी नहीं जान पाएंगे। बता सकते हैं. क्यों नहीं बता सकते। पढ़ें कि सरज में रोशनी क्यों अगर आपको अपनी मां की गोद से कभी सिर हटाने का मौका है? वह कहेगा, है। या और अगर थोड़ी खोजबीन की, तो कहेगा, 137
SR No.002406
Book TitleGita Darshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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