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________________ एस धम्मो सनंतनो ये कंवल के फूल कुम्हलाने लगे हैं कहीं ये बिलकुल ही न कुम्हला जाएं। कहीं ऐसा न हो कि इनके पुनरुज्जीवन की संभावना ही शून्य हो जाए। क्रोध भी एक जल है, अक्रोध भी। कामवासना भी जल है, प्रेम भी। बेहोशी भी जल है, होश भी। लेकिन बेहोशी सड़ा हुआ जल है। होश शुद्ध, स्फटिक मणि जैसा स्वच्छ जल है। अभी-अभी हिमालय से उतरा हो! बदलो अपने आसपास के जल को। मेरे पास लोग आते हैं, वे कहते हैं, ध्यान करना चाहते हैं। वे यह कह रहे हैं कि कमल खिलाना चाहते हैं। लेकिन जल बदलने की तैयारी नहीं। कमल खिलाना चाहते हो, तो तालाब की थोड़ी स्वच्छता करनी होगी। कमल खिलाना चाहते हो, तो यह सड़ा हुआ जल थोड़ा हटाना पड़ेगा। कमल अगर खिलाने की आकांक्षा जगी है, तो कमल के योग्य अवसर भी जुटाना पड़ेगा। वे चाहते हैं, कोई ऊपर से कमल डाल दे। वे कोई नकली कमल की तलाश में हैं। ऐसा धोखा नहीं हो सकता। कम से कम जीवन...अभी भी कागजी कमलों से धोखा नहीं दिया जा सकता जीवन को। अस्तित्व अभी भी असली को ही मानता है। तो तुम, अगर दिखायी पड़ता है तुम्हें कि तुम्हारे जीवन में कमल नहीं खिल रहा है, जल को बदलो। और जल को बदलने का ढंग है, जल को गौर से देखो, छिपाओ मत; पहचानो कहां गंदगी है, उसका निदान करो। निदान आधी चिकित्सा है। ठीक से जान लेना आधा मुक्त हो जाना है। तीसरा प्रश्न: कई दिनों से मुझे यही लग रहा है कि मेरा जीवन एक दुर्घटना है। कुछ भी करने में अपने को असमर्थ पाती हूं। इस कारण बहुत पीड़ा भी भोग रही हूं। कृपया मुझे राह दिखाएं। | प्रश्न के उत्तर के पहले–मैं जब भी तुम्हें कुछ कहता हूं, मेरा प्रयोजन कुछ और ..होता है, तुम कुछ और अर्थ ले लेते हो। ___ मैं कहता हूं फूल चाहिए, ताकि तुम फूलों की खोज पर निकलो और तुम्हारे जीवन में सुवास की वर्षा हो। लेकिन तुम फूलों की खोज पर तो नहीं निकलते, कांटों की पीड़ा से भर जाते हो। मैं तुमसे कहता हूं कमल खिलना चाहिए, इसलिए जल को, सरोवर को साफ करो, स्वच्छ करो; तुम कमल की तो फिकर छोड़ देते हो, तुम इस सड़े जल के किनारे बैठकर छाती पीटकर रोने लगते हो कि सड़ा जल है, अब क्या करें? मैं तुमसे यह कह रहा हूं कि मेरा प्रयोजन कुछ और होता है, तुम कुछ 44
SR No.002382
Book TitleDhammapada 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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