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________________ अथ लघु दीक्षा विधि सर्वप्रथम नंदी रचना करें। परमात्मा का समवशवरण स्थापित करें। उसमें चौमुख परमात्मा बिराजमान करें। समवशरण के उपर चंदोवा बांधे । समवशरण की स्थापना से पूर्व उस भूमि का शुद्धिकरण करना चाहिये । • शुद्धिकरण विधि ओम् ह्रीँ वायुकुमारेभ्यः स्वाहा । श्रावक शुद्ध वस्त्र से भूमि का प्रमार्जन करें। ओम् ह्रीँ मेघकुमारेभ्यः स्वाहा । श्रावक उस भूमि पर जल का छिडकाव ओम् ह्रीँ ऋतुदेवीभ्यः स्वाहा । श्रावक पुष्पवृष्टि करे । ओम् ह्रीँ अग्निकुमारेभ्यः स्वाहा । श्रावक धूप करे । ओम् ह्रीँ वैमानिक - ज्योतिष्क - भवनवासीदेवेभ्यः स्वाहा। यह मंत्र 'बोलकर समवशरण की स्थापना करें। परमात्मा की चारों प्रतिमा पर तीन बार आह्वान मंत्र बोलते हुए वासक्षेप करें। करें आह्वान मंत्र ओम् ह्रीँ नमो अर्हत्परमेश्वराय चतुर्मुखाय परमेष्ठिने त्रैलोक्यार्चिताय अष्टदिक्कुमारिपरिपूजिताय इह नन्द्यां आगच्छ आगच्छ स्वाहा । परमात्मा पर वासक्षेप करने के उपरान्त समवशरण के मध्य नीचे चावल का स्वस्तिक करें, नारियल, गुड़ और सवा रुपया चढ़ायें। चारों ओर अखण्ड दीप की स्थापना करें। चारों दिशाओं में चावल का स्वस्तिक करें, गुड़, नारियल, योग विधि / 15
SR No.002356
Book TitlePravrajya Yog Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhsagar
PublisherRatanmala Prakashan
Publication Year2006
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size5 MB
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