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________________ मूलनायक श्री आदीश्वर भगवान हैं । चौमुखजी ट्रॅक आदीश्वर भगवान । के बाहरी हिस्से में चार मन्दिरों का समूह है । उसे 8. बाला वसही ट्रॅक - श्री बाला भाई द्वारा विक्रम खरतर वसही कहते हैं । संवत् 1893 में निर्मित मूलनायक श्री आदीश्वर 3. छीपा वसही ट्रॅक - छीपा भाइयों के द्वारा विक्रम भगवान । संवत 1791 में निर्मित मूलनायक श्री आदीश्वर भगवान। 9. मोतीशाह ट्रॅक - सेठ मोती शाह ने इसका 4. साकर वसही ट्रॅक - सेठ साकरचन्द्र प्रेमचन्द निर्माण करवाया व उसकी प्रतिष्ठा उनके सुपुत्र द्वारा विक्रम संवत् 1893 में निर्मित मूलनायक श्री श्री खीमचन्द्र द्वारा विक्रम संवत् 1893 में हुई । चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान। मूलनायक श्री आदीश्वर भगवान ।। 5. नन्दीश्वर ट्रॅक - सेठानी उजम बाई द्वारा (विक्रम उक्त ट्रॅकों में मुख्य मन्दिरों के अलावा और भी कई संवत् 1893 में निर्मित । इस ट्रैक के केन्द्र में (1) मन्दिरों का समूह पर्वत श्रेणियों के समान जान पड़ता ऋषभानन (2) चन्द्रानन (3) वारिषेण (4) वर्धमान - है । पहाड़ के पीछे घेटी की पाग है, जहाँ श्री आदीश्वर इन चार शाश्वत जिनेश्वर देवों की प्रतिमाओं की। भगवान की प्राचीन चरण पादुका है व दो नव निर्मित चतुर्मुखी विराजमान हैं । यहाँ के मूलनायक मन्दिर है । वहाँ पर जाने के लिए मुख्य ट्रॅक के पास श्री चन्द्रानन देव हैं । से सीढ़ियाँ बनी हुई है । यहाँ की यात्रा कर आने पर 6. हीम वसही ट्रॅक - अहमदाबाद निवासी हीमा दो यात्राओं का फल मिलता है । पास ही शेव्रुजी नदी भाई द्वारा विक्रम संवत् 1886 में निर्मित मूलनायक है, जिसे परम पवित्र मानते है । गिरिराज की तीन श्री अजितनाथ भगवान । प्रकार की प्रदक्षिणाएँ मानी जाती हैं-डेढ़ कोस (4.8 कि. 7. प्रेम वसही ट्रॅक - मोदीश्री प्रेमचन्द लवजी द्वारा मी.) की, छः कोस (19.3 कि. मी.) की व बारह कोस विक्रम संवत् 1843 में निर्मित - मूलनायक श्री (38.6 कि. मी.) की । नवाणु यात्रा करनेवाले व अन्य मन्दिर-समूहों का दृश्य तलहटी, पालीताना 616
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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