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________________ 30. उत्तराध्ययनसूत्र क्र. स्वरूप . | कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. | {ॐ नमः सिद्धिसाम्राज्यसौख्यसन्तानदायिने।...इति सम्पूर्णा श्रीउत्तराध्ययनसूत्रवृत्तिः।।} {704, 718, 750, 771, 792, 810, 823=7} | ‘अर्थदीपिका टीका', 'लक्ष्मीवल्लभी', 'दीपिका' * (सं.) * गद्य * (अ. 36), प्रशस्ति श्लोक-13 ग्रं.15000 {अर्हन्तो ज्ञानभाज: सुरवरमहिताः...पुरुषस्यैव निर्विघ्नमेतेऽध्यायाः सम्पूर्णीभवन्ति।) {698, 710,713,756, 771,79936} 885 6 | लक्ष्मीवल्लभ उपाध्याय वि. 1725# 886 7 | नयविजयजी वि. 1745# 'स्तबक' * (सं.) * गद्य * (अ. 36) {नमो अरिहंताणं। नमः...इति उत्तराध्ययनश्रुतस्कन्धः समाप्तः।।) {726} 887 अवचूरि (6)|1| पूर्वाचार्य 'अवचूर्णि', 'लघुवृत्ति' * (सं.) * गद्य * (अ. 36) {संयोगात् मात्रादिविषयाबाह्यात् कषायादिविषयादभ्यन्तराच्च...वा, ब्रवीमि गणधराद्युपदेशेन।। {726} 888 अज्ञात वि. 1441# 889 बा.बो. (7) अज्ञात 890 सज्झाय (8) | 1 अज्ञात 891 2 | अज्ञात 892 3 श्रीकरण उपाध्याय (सं.) * गद्य * (अ. 36) ग्रं.3600 {संजो(यो)गात्-मात्रादिकषायादिबाह्याभ्यन्तरभेदात् विविधैः प्रकारैः... उत्तराध्यायान् योगः-उपधानादिरुचितव्यापारस्तदनतिक्रमेण यथायोगम्।।) {726} (मा.गु.) * गद्य * (अ. 36) {उत्तराध्ययननो शब्दार्थ लिखीये... समाप्त होय इति।।} {698} (गु.) * पद्य * ढाल 1/ सर्वगाथा 38 {प्रणमी पार्श्व (पास) जिणंदने, ...धन तुम अवतार।।3411) {1749, 1770, 1776} उत्त.सूत्र अ. 4 (असंखयं) स्वरूप सज्झाय * (प्रा.) * पद्य * गाथा 13 (असंखयं जीविय मा...जाव सरीरमेउ।। त्तिबेमि।।13।1) {1760} द्रुमपत्राध्ययन सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 10 {समवसरण सिंहासनेजी रे, ...म कर प्रमाद।।1011) {1497, 1501, 1516, 1784} उत्त.सूत्र नामाधिकार की सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 16 {पणमिय पहु पास...मुणिवर कहइ ए...111611) {1784} 'प्रत्येक अध्ययन की' * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 36 (सरसति मति अति...हवइ जय जयकार।।511) (1784) 'प्रत्येक अध्ययन की' * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 36 {श्रीगुरु गौतम गुण...कमला लहस्ये।। जिन०112111) {1756} नमिराजर्षि गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा. 7 {जी हो मिथिला...भव पार।।नमि.11711) {1774) चार प्रत्येक बद्ध की सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 4 {चंपा नगरी अति...परतेक बुद्ध हे।।6।।} {1774) चार प्रत्येक बुद्ध संलग्न गीत * (मा.गु.) * पद्य * 893 | क्षेमराज उपाध्याय वि. 154723 894 | राजशील उपाध्याय वि. 15632 895 | 6 | ब्रह्ममुनि वि. 1599 896 | समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654# 897 समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 16542 898 9 समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654#
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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