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________________ आगम कृति परिचय स्वरूप पे. कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. (पुष्फभिक्खु) 9 उषाबाई महासती, वि. 2032P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1446} किरणबाई महासती. हसुमतीबाई महासती 438 रतनलाल डोशी (#) वि. 2032P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1457) 439 11 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | 'गुर्जर छाया' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1462) 440 | 12 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक | | वि. 2057P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1466} 441 13 राजकुमार जैन वि. 2057P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1466) 442 | 14 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1470} 443 15| दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} 444 विजयमुनि वि. 2017P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {427} अर्वा.टिप्प. (11) 445 अनु., विवे. |1| मुक्तिप्रभा साध्वी डॉ. वि. 2038P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {428) (12) 446 2 | संमतिबाई साध्वी वि. 2054P || (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {431) 447 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | ‘स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (426) अनु., (13) 448 | 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {425, 426} 449 विवे. (14) दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'अभय. टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} 450 सारांश (15) ज्ञानसुंदरजी मुनि वि. 1979P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1424) 451 मूल (1) 452 टीका (2) 10. प्रश्नव्याकरणसूत्र (451-480) सुधर्मास्वामीजी वी.सं. पूर्व (प्रा.) * गद्य * श्रु. 1→अ. 10→उ. 10→सूत्र 30 ग्रं.1300 {ते त्रीश वर्ष णं कालेणं...अंगं जहा आयारस्स।) {435, 436, 437, 438, वैशाख 439, 440, 441, 444, 445, 446, 447, 449, 450, 451, 452, सुद 11 453, 454, 455, 456, 457, 458, 459, 1358, 1371, 1377, 1383, 1393, 1402, 1407, 1510, 1524, 1548=32) 1 अभयदेवसूरि, वि. 1120# (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-10 ग्रं.5630 कृतिसंशो-द्रोणाचार्य {श्रीवर्द्धमानमानम्य, व्याख्या काचिद...ब्रवीमीति।। समाप्ता श्रीप्रश्नव्याकरणाङ्गटीका।} {435, 436, 447, 449, 452, 456, 152437} 2 | ज्ञानविमलसूरि वि. 17282 (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-23 ग्रं.7500 {ऐन्द्रवृन्दनतक्रमोऽमितगुण-प्राज्यद्धिसिद्धिप्रदः। श्रीपार्श्व: परमेश्वरो...प्रश्नव्याकरणसूत्रवृत्तौ दशमाध्ययनं संपूर्णम्।।) {438, 452, 459} अज्ञात (मा.गु.) * गद्य * (श्रु.1) {अहो जंबू ए...अनंत सुख पामे।) {435} 454 बा.बो. (3)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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