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________________ 18 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 376 निर्मलदर्शनविजयजी गुरु जगतदर्शनविजयजी तपा.) [प्रका. सं. वि. 2057] 377 निर्वाणश्रीजी साध्वी तेरा.) [प्रका. सं. ई. 1993) 378 नीमचंद हीराचंद कोठारी (जैन स्था.) [प्रका. सं. वि. 1969] 379 नीरा कांतिलाल नाहटा डॉ. [ प्रका. सं. ई. 2007] 380 नीलांजना साध्वी डॉ. - गुरु विद्युत्प्रभाश्रीजी (ख.) [प्रका. सं. वि. 2061 ] 381 नेमिचंदजी बांठिया (जैन स्था. } [ प्रका. सं. वि. 2061] 382 नेमिचंद्र जैन डॉ. [ प्रका. सं. वि. 1944] 383 नेमिचंद्र मुनि (स्था. [प्रका. सं. ई. 1974) 384 नेमिचंद्रसूरि (प्रथम) (देवेन्द्रसाधु) - गुरु- आनंददेवसूरि {बृहद् तपा. } [र.सं. वि. 1129) 385 नेहा चोरडिया जैन स्था. प्रका. सं. ई. 2012) |386 न्यायरत्नविजयजी गुरु-राजरत्नविजयजी (तपा.} [प्रका. सं. वि. 2063 ] 387 पद्मरत्नसागरजी गुरु पद्मसागरसूरिजी (तपा.) [प्रका. सं. वि. 2062] - 388 पद्मसागरसूरि गुरु-कल्याणसागरसूरिजी (तपा.} [ प्रका. सं. ई. 1987 ] 389 पन्द्यसूरि गुरु-मिसूरिजी तपा.) प्रका. सं. वि. 2007] |390 पद्मसेनविजयजी पंन्यास समुदाय भुवनभानुसूरि {तपा. } [प्रका. सं. वि. 2039] 391 परमानंदऋषि गुरु. आनंदचंद्रजी [र.सं. वि. 1876) 392 परमार्थाचार्य पंडित प्रका. सं. वि. 2043] 393 परमेष्ठीदासजी जैन पंडित [ प्रका. सं. वि. 2031] - - - कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका - - - 394 पादलिप्तसूरि (पालित्तसूरि) - गुरु नागहस्तिसूरिजी {विद्याधर . } वीर सदी 5 395 पानाचंदजी गुरु-खुशालजी [र.सं. वि. 1893] 396 पारस मुनि {स्था. ) [ प्रका. सं. वि. 2051] 397 पारसकुमारजी मुनि - गुरुलालचंद्रजी {स्था. } [प्रका. सं. वि. 2038] 398 पारसमणि खिचा [ प्रका. सं. ई. 1999] 399 पारसमल चण्डालिया (जैन स्था. } [ प्रका. सं. वि. 2042 ] 400 पाश्वंचंद्रसूरि गुरु साधुरत्नसूरिजी ( पाश्र्चंद्र.) [र.सं. वि. 18544] - K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) P (1719) P (1562) K (578) P (526) K (320, 1012) P (820) K (135)P (144) K (97, 1143) P (80, 146, 190, 219, 351, 415, 434, 502, 521, 540, 595, 636, 813, 939, 996, 1094, 1125, 1411, 1412, 1457, 1529, 1533, 1609=23) P (1710) K (321) P (123, 1117, 1366, 1641) K (881, 1170) K (463a, 1304) P (149) P (936, 1410) K (1550) K (1525) P (1630) P (55, 59, 288, 644, 647, 750, 751=7) K (583) P (1736) K (74) K (1499) K (484) K (921, 979, 982) K (1307, 1320) K (174) P (184) K (20, 379, 427, 519, 567, 666, 691, 716, 737, 760, 933, 1052, 1143=13) P (57, 80, 131, 146, 190, 219, 351, 415, 434, 521, 540, 595, 636, 812, 813, 927, 939, 996, 1125, 1377, 1378, 1404, 1412, 1457, 1529, 1533=26) K (7, 84, 539, 909, 1567=5)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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