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________________ 212 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय कालिकाचार्य की (सं.) कथाएँ श्लोक- 97+65) (दे.ना.) (1359) 1253 कल्पसूत्र सुवोधिका व्याख्यानुं भाषान्तर (भावानुवाद) ( कल्पसूत्र का कनकरत्नसूरिजी कृत (गु.) अनु | (व्या. 8)} {गु.} {1406} | 1250 कल्पसूत्र भाषांतर (पं. खीमाविजयजी सुबोध श्रेणी प्रकाशन गणि बालावबोधानुसार) (कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु. } {गु., दे.ना. } [T] {1359, 1422 } 1251 बारसासूत्र गुजराती अनुवाद सह | सचित्र प्रभुचरित्र ( कल्पसूत्र (सचित्र) का मेयरदास जीवराज दोशी पं. कृत (गु.) अनु.) (गु) (1389) 1252 कल्पसूत्र (सचित्र) ( कल्पसूत्र की | सुयोधिका टीका (सचित्र) का साराभाई मणीलाल नवाब कृत (गु.) अनु. और लक्ष्मीसूरिजी कृत अष्टानिका व्याख्यान का अनु.} {गु.) (1418} 1254 कल्पसूत्रनी वाचनाओ (कल्पसूत्र के सुबोधिका टीकानुसारी चंद्रशेखरविजयजी पं. कृत (गु.) प्रव., | माणेकविजयजी कृत सज्झाय (गु.) {1375, 1433} 1256 कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम्) {कल्पसूत्र मूल) (दे.ना.) (1350 ) 1257 पर्युषणामहापर्वनां व्याख्यानो {कल्पसूत्र के ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास सह भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) विवे.) (दे. ना.) [T] {1374, 1429) 46. कल्पसूत्र 1258 पवित्र कल्पसूत्र ( कल्पसूत्र का | प्रकाशक (ग्रंथमाला} 1255 कल्पसूत्र के हिन्दी प्रवचन ( कल्पसूत्र दिव्य संदेश प्रकाशन (सचित्र) के ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास सह रत्नसेनविजयजी पं. कृत (हिं.) विवे. (ढाल 13)} (दे.ना. } {1374, 1432) | बेचरदास जीवराज दोशी पं. कृत (गु.) कोल्हापुर जैन श्वे. मू. पू. संघ देवकरण मूळजी / | ट्रस्ट, (P) साराभाई मणीलाल नवाब रत्नोदय चेरीटेबल ट्रस्ट वाडीलाल साराभाई देरासर ट्रस्ट कमल प्रकाशन ट्रस्ट, अमदावाद संयम सुवास अनेकांत प्रकाशन जैन रिलीजीयस ट्रस्ट | जशवंतभाई एन. शाह संपादक, संशोधक आदि | संपा. - राजकीर्तिसागरजी पंन्यास 2059 (अ.) 646 (P) संपा. विक्रमसेनविजयजी गणि, 2060 (2) 244 (P) पूर्व संपा. पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर) संपा. -रत्नचंद्रसूरि संपा. कनकरत्नसूरि (#) संपा. चंद्रशेखरविजयजी पंन्यास (#) संपा. रत्नसेनसूरि संपा. - योगतिलकसूरि संपा. चंद्रगुप्तसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा. - पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर) अनु. (व्या. 8)} {गु.} {1389 } 1259 | कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम् - सचित्रम्) राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट संशो. जयंतसेनसूरि {कल्पसूत्र मूल} {दे. ना. } [S] {1359) 2060 (#) 612 (P) (1) 2060 (3T.) 348 (P) 2061 (10) 280 (P) | 2061 (1) 356 (C) 2061 (1) 266 (P) | 2062 (4) 422 (P) 2062 (1) 78 (B) | 2062 (1) 216 (D)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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