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________________ 418. शास्त्र, सर्वार्थ साधक शास्त्रं सर्वार्थसाधनम् । - श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 4 पृ. 2720] एवं [भाग ? पृ. 334] - योगबिन्दु - 225 शास्त्र इहलौकिक-पारलौकिक सभी प्रयोजनों का साधक है। 419. शास्त्र, औषधि पापाऽऽमयौषधं शास्त्रं । - श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 4 पृ. 2720] - योगबिन्दु - 225 शास्त्र पापरूपी रोग के लिए औषधि है । 420. शास्त्र, जल मलिनस्य यथाऽत्यन्तं, जलं वस्त्रस्य शोधनम् ।। अन्तःकरणरत्नस्य, तथा शास्त्र विदुर्बुधाः ॥ - श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग + पृ. 2720] . एवं [भाग ? पृ. 335] - योगबिन्दु 229 . . जैसे मैला वस्त्र जल द्वारा धोए जाने पर अत्यन्त स्वच्छ हो जाता है; वैसे ही अन्त:करण की स्वच्छता शास्त्र द्वारा होती है। ऐसा ज्ञानी पुरुष मानते हैं। 421. शास्त्र-आदर उपदेशं विनाऽप्यर्थ, कामौ प्रति पटुर्जनः ।। धर्मस्तु न विना शास्त्रादिति तत्राऽऽदरो हितः ॥ - श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 4 पृ. 2720] - योगबिन्दु 222 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-4 . 162 - -
SR No.002319
Book TitleAbhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
PublisherKhubchandbhai Tribhovandas Vora
Publication Year1998
Total Pages262
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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