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________________ सयणासणआहरणइ वत्थइ । जाणइ जंपाणइ गेयत्थइ कामिणिपमुहइ कयसुहसंगइ ताइ हुंति पुणु भोयह अंगइ वरतंबोलु सहिउ कत्थूरें । भोयणु मीसिउ महुराहारें कत्थूरियई समाणु विलेवणु तणुधूवें सह कुसुमह सेवणु उवभोयह एवंविह लक्खण जे वेरग्गु वहंति वियक्खण उहयह ते संखा पडिवजहि पडिवासरु बहु पुण्णु समजहि णियममंतसामस्थिहि वारहि लोहपिसाउ दूरि ऊसारहि भोउवभोयह जो पचक्खइ सिद्धिपियहि सो वयणु णिरिक्खइ सिक्खावउ चउत्थु भासिजइ अतिहिहि संविहाउ जं किजइ मज्झण्णइ णियगेहि पराइउ तिविहु पत्तु तिहि गुणिहि विराइयउ जो पडिगाहिवि जच्छइ भोयणु चित्तपसत्तिए भुक्खविणोयणु ॥ वत्ता । तिविहभोयभूमिहि तिविहु लहइ सुक्खु सो सावउ IY णियदाणपहावें सुद्धमइ णिम्मलदंसणभावउ ॥११॥ ___XI. I. C. गेयत्थइ - गीतार्थः ७. उहयह - भोगोपभोगानां. 7. C. सामस्थिहिं - बलात्कारेण. 8. पच्चक्खइ - त्यजति. 9. संविहाउ - संविभागः 10. तिहि गुणिहि - दर्शनज्ञानचारित्रैः. II. जच्छइ - ददाति; भुक्खविणोयणु - क्षुधास्फेटकः [Kadavaka II.] I. BC. °ई; "ई; °ई; °ई; गेहत्थई. 2. BC. °ई; 'ई; °ई; °ई; B. होंति; भोयहो अंगई; C. हुंति; भोयहं. 3. BC. कप्पू, for कत्थूरें (A.). 4. B. °ई; °ह; C.°ई; तणुधूवें सहुं. 6. B. हं; A. विहु for बहु ( BC.); C. °हिं for °ह; BC. °हिं; 'हिं. 7. B. मंत'; हिं; °हिं; ओसारहिं; C. णियमवंत बहुसत्थेंहिं; °हिं; °हिं. 8. A. पच्चक्खहि; जो for सो; णिरिक्खहि; B. हं; पच्चक्खइ; हिं; णिरिक्खइ; C. हं; पच्चक्खइं; °हिं सो; णिरक्खइ. 9. B. °हिं संविहाउ जहिं किजइ; C. अतिहिंहि संविहाउ जहि किज्जइ. I0. A. परायउ; B.°ई; पराइउ; तिहिं गुणिहिं; C. मज्झण्णे; गुणिहिं विराइय. II. A. चित्तमसत्तिए भुक्खुविभोयणु; C.चित्ति; भुक्खविणोणयणु. 12. A. तिविहि; BC. °हिं. 13. A. सुट्ठमइ; BC. सुद्धमइ.
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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