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________________ पिपीलिया चींटी पुद्गल पृथ्वी पुग्गल पुढवी पुण्ण पुण्य शुभ परिणाम पुद्गल उत्पन्न पोग्गल प्पभव प्पयार प्पविचार प्फास फल प्रकार विवेचन स्पर्श फल स्पर्शन इन्द्रिय स्पर्श स्प र्शन फास HILLENDritt#####11: !! आकारान्त स्त्री. 115 अकारान्त पु., नपुं. 124 ईकारान्त स्त्री. 110, 118 अकारान्त पु., नपुं. 108, 132, 135 143 अकारान्त पु., नपुं. 126, 132, 147 अकारान्त पु. 126 अकारान्त पु. 118, 121 अकारान्त पु. 109, 120 अकारान्त पु., नपुं. 117, 126 अकारान्त पु., नपुं. 122, 133 अकारान्त पु., नपुं. 110 114, 115, 116 133 अकारान्त पु. 108, 134, 148. इकारान्त स्त्री. 106 अकारान्त पु. 105 इकारान्त स्त्री. 136 अकारान्त पु. 116 अकारान्त पु. 153 अकारान्त पु. 107, 108 अकारान्त पु. 130, 131, 147, 148, 150 अकारान्त पु. 132 उकारान्त पु. 142 पंचास्तिकाय (खण्ड-2) नवपदार्थ-अधिकार बंध भमर भव भँवरा संसार पदार्थ भाव भाव परिणमन श्रमण भिक्खु (68)
SR No.002307
Book TitlePanchastikay Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2014
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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