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________________ आभार उन सभी गुरुजनों के प्रति जिनके प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन । से मुझे उक्त पुस्तक का अनुवाद करने की प्रेरणा प्राप्त हुई, आभार व्यक्त करना भी मेरा अनिवार्य कर्त्तव्य है। आदरणीय श्रद्धेय डॉ. भायाणी सा. हमेशा से मेरी प्रेरणा के स्रोत रहे हैं । आज मैं जो कुछ भी सेवा माता सरस्वती की कर पा रही हूँ उसके पीछे सदा भायाणी सा. का मार्गदर्शन रहा है। भायाणी साहब ने उनकी पुस्तक 'तरंगवती' का गुजराती से हिन्दी अनुवाद करने के लिये स्वीकृति प्रदान की उसके लिये मैं उनकी आभारी ___ मेरे परिवार के सदस्य, जो समय-समय पर मेरा उत्साह बढ़ाते रहते हैं उसके लिये भी हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ। इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिये पार्श्व शैक्षणिक और शोधनिष्ठ प्रतिष्ठान (अहमदाबाद) प्रति मैं हार्दिक आभार प्रकट करती क्रिश्ना ग्राफिक्स, अहमदाबाद को सुन्दर छपाई के लिये धन्यवाद देती हैं। प्रीतम सिंघवी
SR No.002293
Book TitleTarangvati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPritam Singhvi
PublisherParshwa International Shaikshanik aur Shodhnishth Pratishthan
Publication Year1999
Total Pages140
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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