SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 326
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (२८६) "तथोक्तम् उपशम श्रेणिस्तु प्रथम संहननत्रयेण आरूह्यते। इति कर्म- स्तव वृत्तौ।" कर्मस्तव की वृत्ति में भी कहा है कि पहले तीन संघयण वाले ही उपशम श्रेणि में चढ़ सकते हैं। परिवृत्ति शतान् कृत्वाऽसौ प्रमत्ताप्रमत्तयो। गत्वा चापूर्वकरण गुण स्थानं ततः परम् ॥१२०२॥ क्लीब स्त्री वेदौ हास्यादि षट्कं पुंवेदमप्यथ । क्रमात् प्रत्याख्यानाप्रत्याख्यान संज्वलनाः क्रुधः ॥१२०३॥ तथैव त्रिविधं मानं माया च त्रिविधां तथा । द्वितीय तृतीयौ लोभौ विंशतिः प्रकृतीरिमाः ॥१२०४॥ शमयित्वा गुण स्थाने नवमे दशमे ततः । शमी संज्वलनं लोभं शमयत्यतिदुर्जयम् ॥१२०५॥ कलापकम् तथा वह मुनि प्रमत्त और अप्रमत्त की बीच में सैंकड़ों परिवृत्ति (फिरा) परिवर्तन करके और फिर 'अपूर्वकरण' गुण स्थान में पहुँचकर पुरुष वेद, स्त्री वेद, नपुंसक वेद - इस तरह तीन वेद, प्रत्याख्यानी, अप्रत्याख्यानी और संज्वलन - इस प्रकार के तीन क्रोध; इसी तरह तीन प्रकार का मान; वैसे ही तीन प्रकार की माया और तीन प्रकार का लोभ तथा हास्य आदि छः प्रकृति - इस तरह सब मिलाकर बीस.प्रकृतियां तो नौंवें गुण स्थानक में शम गयी होती हैं और अत्यन्त दुर्जय संज्ज्वल • लोभ का दसवें गुण स्थान में उपशम भाव होता है अर्थात् वहां एक समय से लेकर उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त तक इसके कषाय उपशांत रहते हैं । (१२०२ से १२०५) .'. एक क्षण जघन्ये नोत्कर्षेणान्तर्मुहूर्त्तकम् ।। उपशान्त कषायः स्यादूर्ध्वं च नियमात्ततः ॥१२०६॥ अद्धाक्षयात् भवान्ताद्वा पतत्यद्धाक्षयात्पुनः । पतन्पश्चानुपूर्व्यासौ याति यावत्प्रमत्तकम् ॥१२०७।। युग्मं। एक समय से लेकर जघन्य उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त तक इनके कषाय उपशान्त रहते हैं। उसके बाद वहां से नियमित (निश्चय) गुण स्थान की कालस्थिति पूर्ण होती है अथवा जन्म का अन्त आने से फिर गिरता है । इसमें भी यदि काल पूर्ण हो जाता है तो वह पश्चानुपूर्वी से अन्तिम प्रमत्त गुण स्थान तक उतरता-नीच आता जाता है। (१२०६-१२०७)
SR No.002271
Book TitleLokprakash Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandrasuri
PublisherNirgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year2003
Total Pages634
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy