SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 4
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रकाशकीय ___ तपागच्छाधिराज महामहिम आचार्यदेव श्रीमद्विजय रामचंद्र सूरीश्वरजी महाराजा के प्रधान पट्टधर वर्तमानगच्छाधिपति वात्सल्यमहोदधि पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजयमहोदयसूरीश्वरजीमहाराजा के पावन उपकारो की स्मृति हेतु प्रवचन-प्रकाशन' की ओर से 'आचार्यश्रीविजयमहोदयसूरीश्वरजी ग्रंथमाला' का प्रारंभ किया गया है । इस ग्रंथमाला के मुख्य प्रेरक प्रवचन-प्रभावक पूज्यआचार्यदेवश्रीमद् विजय हेमभूषणसूरीश्वरजी म.सा. है । पूज्यपाद स्वर्गीय सूरिदेव के शिष्यरत्न प्रवचनकार बंधुबेलडी पूज्य मुनिश्रीवैराग्यरतिविजयजी म.सा. एवं पूज्य मुनिश्रीप्रशमरतिविजयजी म.सा. इस ग्रंथमाला के प्रधान संपादक है । ..'नयामृतम्" यह ग्रंथमाला का चतुर्थ पुष्प है । ... श्री भेरुलालजी कनैयालालजी कोठारी रिलि. ट्रस्ट, मुंबई (चंदनबाला) ने उदारता पूर्वक ज्ञानराशि का सद्व्यय करके यह ग्रंथ प्रकाशित किया है । 'एतदर्थ शतशः धन्यवाद । ज्ञानराशि के व्यय से प्रकाशित इस पुस्तक का उपयोग करने से पहले . गृहस्थवर्ग उचित मूल्य का प्रदान अवश्य करे ऐसी विनंती है । प्रवचन प्रकाशन
SR No.002246
Book TitleNayamrutam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVairagyarativijay
PublisherBherulalji Kanaiyalalji Kothari Religious Trust
Publication Year2002
Total Pages164
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy